Anand Mohan Singh

  • यूपी आईएएस एसोसिएशन ने आनंद मोहन की रिहाई का किया विरोध

    लखनऊ। बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश आईएएस एसोसिएशन (UP IAS Association) ने 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णय्या (G Krishnayya) की हत्या के दोषी आनंद मोहन की रिहाई का विरोध किया है। एसोसिएशन ने बिहार सरकार से फैसले पर जल्द से जल्द पुनर्विचार करने की अपील की है। एसोसिएशन ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा, हम बिहार की राज्य सरकार से राष्ट्रहित में जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की पुरजोर अपील करते हैं। बिहार सरकार ने 24 अप्रैल को पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह समेत 27 कैदियों की रिहाई की सूचना दी...

  • सवाल बेहद गंभीर है

    बिहार सरकार ने आनंद मोहन सहित 27 सजायाफ्ता अपराधियों को रिहा करने का फैसला किया है। इसे समझने के लिए किसी विशेष बुद्धि की जरूरत नहीं है कि यह निर्णय भी सियासी नफा-नुकसान की गणना के आधार पर किया गया है। भारत में अपराधियों के प्रति सरकारों के मन में जगी दया अजीब है। संभवतः भारतीय जनता पार्टी की नजर में मुसलमानों के खिलाफ किए गए जुर्म अपराध नहीं हैं। उसकी चली होती, तो गुजरात के 2002 के दंगों में किसी को सजा ही नहीं होती। बहरहाल, अब उसकी चल रही है, तो वह सजायाफ्ता अपराधियों को भी रिहा करने...