मालिकों की सहमति तभी तो ऐसे एंकर
इस तरह सार्वजनिक बहिष्कार करके विवाद खड़ा करने के बजाए अगर विपक्षी दल एक मूक सहमति बना कर इन एंकरों का बहिष्कार करते तो भी उनका उद्देश्य पूरा हो जाता। पर शायद विपक्ष ने यह विवाद खड़ा ही इसलिए किया है कि वो देश के ज़्यादातर टीवी चैनलों की पक्षपातपूर्ण नीति को एक राजनैतिक मुद्दा बना कर जनता के बीच ले जाएँ। जिसमें वो सफल हुए हैं। जब से इंडिया गठबंधन ने 14 टीवी एंकरों के बॉयकॉट की घोषणा की है तब से मीडिया जगत में एक बहस और भूचाल सा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। और ऐसा देश में...