autobiography

  • राष्ट्रवादी आंदोलन और बौद्धिक पतन

    नीरद बाबू की आत्मकथा के दोनों भाग समकालीन भारत का वास्तविक इतिहास समझने के लिए एक अनिवार्य स्त्रोत-ग्रंथ हैं। उन के प्रकाशन के सात और चार दशक बाद भी उन में कोई बुनियादी भूल कठिनाई से मिलती है। उसे इतिहास, राजनीति, एवं साहित्य शिक्षण की एक महत्वपूर्ण पाठ्य सामग्री बनाना चाहिए। नीरद चौधरी की विहंगम दृष्टि - 2 राष्ट्रीय सुरक्षा, विशेषतः आंतरिक सुरक्षा में स्वतंत्र भारत की भारी दुर्गति हुई है! जहाँ अंग्रेजों ने भारत में सदियों से चल रही अराजकता, हिंसा, लूट, उत्पीड़न, आदि नियंत्रित कर अंदर-बाहर सुरक्षित किया। वहीं भारतीय शासकों ने सत्ता लेते-लेते ही अपने हाथों देश...

  • आज़ाद के दावों का सच

    या तो आज़ाद इतिहास भूल गए हैं या जानबूझकर ऐसी बातें लिख-बोल रहे हैं ताकि कुछ दिन सनसनी बनी रहे और वे राजनीतिक रूप से प्रासंगिक भी बने रहें। मगर आज़ाद कुछ भी कहें एक बात साफ है कि उनके बयान और किताब में छपे उनके कुछ दावे बेहद हास्यास्पद हैं। राजनीति में सफलता की ऊंचाईयां छू चुके आज़ाद आखिर क्यों ऐसा साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके साथ हर जगह अन्याय हुआ है ? कांग्रेस छोड़ कर अपने लिए राजनीतिक ज़मीन तलाश रहे गुलाम नबी आज़ाद इन दिनों अपनी किताब और हाल ही में दिए गए...