bharat me corona se marne walon ki sankhya
New Delhi | यह बालाघाट का एक मजदूर है, जो हैदराबाद में नौकरी करता था। वह 800 किलोमीटर दूर से हाथ से बनी लकड़ी की एक गाड़ी में बैठा कर अपनी आठ महीने की गर्भवती पत्नी और दो साल की बेटी को लेकर गाड़ी खींचता हुआ बालाघाट पहुंचा है। कुछ दूर तक तो इस मजदूर ने अपनी बेटी को गोद में ले कर चलना शुरू किया था, लेकिन रास्ता लंबा होने के कारण रास्ते में लकड़ी और बांस के टुकड़े बीन कर उसने एक गाड़ी बनाई। उसमें उन्हें बैठा कर, खींचता हुआ वह 800 किलोमीटर दूर पैदल चला आया। यह भी पढ़ें : मेरे तो गिरधर गोपाल (मोदी), दूसरा न कोई! दो साल की मासूम अनुरागिनी को खींचता हुआ चला रामू नाम का यह मजदूर हैदराबाद से तपती दोपहरी में 17 दिन पैदल चल बालाघाट पहुंचा है। साथ में गर्भवती पत्नी भी है। जिले की रजेगांव सीमा पर जवानों ने इस दंपति को आते देखा। मासूम बिटिया के पैरों पर चप्पल तक न थी। पुलिस ने उसे खाने को बिस्किट और चप्पल दी और फिर यहां से उसके घर तक भिजवाने के लिए एक निजी गाड़ी का बंदोबस्त किया। मजदूर ने बताया कि वह घर वापसी के लिए तमाम मिन्नतें… Continue reading आठ महीने की गर्भवती बीवी व बेटी को 800 किमी खींचकर लाया मजदूर
New Delhi | 25 मार्च से 15 मई के 52 दिनों में भारत में लोग इतना पैदल चले हैं, गर्मी में इतने झुलसे हैं, इतने प्यासे-भूखे रहे हैं, थके हैं, टूटे, मरे हैं कि मानवता की याददाश्त में महामारी से पूर्व की ऐसी दास्तां ढूंढे नहीं मिलेगी। कोविड-19 का वायरस लोगों को मारने लगे उससे पहले ही भारत में वह मूर्खता, वह असंवेदनशीलता दिखी, जिससे असंख्य परिवार, गरीब, दिहाड़ी पर जिंदगी जीने वाले लोग, मजदूर चलते-चलते, रोते-रोते बुरी तरह गर्मी में सूखे, घायल हुए। इन लोगों के आंसू कितने बहे, मां-बापऔर उनके साथ छोटे-छोटे मासूम कदमों में बच्चों पर क्या गुजरी, कितने मरे-घायल हुए, कितने भूख-प्यास से तड़पे इसका 21वीं सदी की सूचना क्रांति, टेक्नोलॉजी, टीवी चैनलों, अखबार या इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया व भारत की सरकारों के पास कोई संग्रहित-इकठ्ठा रिकार्ड नहीं मिलेगा। यह भी पढ़ें : यमराज न करूणा, न संवेदना और न ख्याल! मानों तालाबंदी के बाड़े को तोड़ कर घर के लिए निकले चेहरे इंसान न हो भेड़-बकरी हों। यदि भारत के नेताओं, भारत की व्यवस्था, भारत की सरकारों में इनका बतौर नागरिक, बतौर इंसान मान-मूल्य होता तो कैसे वह सब होता जो 52 दिनों में भारत की सड़कों पर, हाईवे पर, रेल की पटरी पर… Continue reading Corona Virus Crisis | वायरस से पहले घायल भारत!
कोरोना वायरस की महामारी को लेकर गंभीर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विमर्श के साथ साथ कुछ हल्की-फुल्की चर्चाएं भी चल रही हैं। सब अपने हिसाब से अंदाजा लगा रहे हैं कि कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा या जब सब लोग इसके साथ जीना सीख जाएंगे तो जीवन कैसा होगा।