Bihar Caste Survey

  • उफ! बिहार की दुर्दशा, सभी जिम्मेवार

    बिहार सरकार ने सात नवंबर को विधानमंडल में बिहार की दुर्दशा के दस्तावेज पेश किए। इससे पहले दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर बिहार सरकार ने जाति गणना के आंकड़े जारी किए थे, जिससे पता चला था कि बिहार में 63 फीसदी आबादी पिछड़ी जातियों की है, अनुसूचित जाति की आबादी 20 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी एक फीसदी है, जबकि सवर्ण आबादी सिर्फ साढ़े 15 फीसदी है। इसके बाद सात नवंबर को बिहार सरकार ने इन जातियों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति के आंकड़े पेश किए, जिससे इन सबकी सामूहिक दुर्दशा का पता...

  • बिहार में 63 फीसदी पिछड़ी जाति!

    पटना। तमाम अड़चनों को पार करके आखिरकार बिहार सरकार ने जातियों के आंकड़े जारी कर दिए। दो चरणों में हुई जाति गणना के आकड़ों के मुताबिक बिहार में 63 फीसदी आबादी पिछड़ी जातियों की है। इनमें 36 फीसदी अति पिछड़ी और 27 फीसदी पिछड़ी जातियां हैं। पिछड़ी जातियों में 14 फीसदी के साथ सबसे बड़ी आबादी यादव समुदाय की है। बिहार में मुस्लिम आबादी 17.7 फीसदी है। अनुसूचित जातियों की आबादी 19.65 फीसदी है, जबकि कुल सवर्ण आबादी 15.52 फीसदी है। इसमें भी हिंदू सवर्णों की आबादी महज साढ़े 10 फीसदी है। गौरतलब है कि इस साल के शुरू में...

  • आरक्षण बढ़ाने की मांग शुरू

    पटना। बिहार में जाति गणना के आंकड़े सामने आते ही आबादी के अनुपात में आरक्षण बढ़ाने की मांग शुरू हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जितनी जिसकी संख्या है उतनी उसकी हिस्सेदारी हो। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी आरक्षण बढ़ाने का बारे में कुछ नहीं कहा है लेकिन उन्होंने उन सभी नौ पार्टियों की बैठक बुलाने की बात कही है, जिनकी बैठक में जाति जनगणना का फैसला हुआ था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातिगत सर्वे की रिपोर्ट...