budget 2020
बजट से कुछ नहीं सधेगा-1: सन 2020 का मनोभाव है कि यदि सरकार किसी को लाख रुपए दे तो वह खर्च नहीं करेगा, बल्कि उसे दबा कर रख लेगा! मतलब लोगों में भरोसा खत्म है तो वह क्यों कुछ करें? लक्ष्मीजी रूठ गई हैं, घर बैठ गई हैं तो लोग भी, उद्योगपति, धन अर्जन कराने वाले उद्यमी, पुरुषार्थी सब रूठ कर घर बैठ गए हैं। इसलिए सन् 2020-21 के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ भी कर लें, साल बाद आर्थिकी एक इंच आगे बढ़ी हुई नहीं होगी। संभव है खड्डे में और ज्यादा फंसी हुई हो। पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक के गर्वनर ने सुझाव दिया कि मौद्रिक नीति के उपायों की बजाय आर्थिक सुधार किए जाने चाहिए। सवाल है क्या तो सुधार और किसे चाहिए सुधार? भारत में, भारत की मोदी सरकार में ताकत नहीं जो वह सिस्टम पर कुंडली मारे बैठे नौकरशाहों का लक्ष्मीजी के घर में जबरदस्ती की वसूली का रोल खत्म कर दे। लक्ष्मीजी के पांवों में बेड़ियां डाले मजदूर कानूनों, फैक्टरी-ईएसआई-पीएफ-प्रदूषण-अप्रत्यक्ष कर के प्रशासन आदि के इंस्पेक्टरों-अफसरों की घेरेबंदी को खत्म कर दे। जब ऐसा नहीं हो सकता तो सुधार के नाम पर नौटंकियां होनी है न कि मेक इन इंडिया बनना है।… Continue reading न लक्ष्मी चंचल, न लोग चंचल!
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए यह सबसे मुश्किल समय है। अपने छोटे से राजनीतिक करियर में उनको ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा है। पार्टी में प्रवक्ता से शुरू करके वित्त मंत्री बनने का उनका सफर सपनों जैसा है। नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में वे वाणिज्य मंत्री बनीं और उसी रक्षा में रक्षा मंत्री भी बन गईं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के दूसरे आम बजट के लिए लोगों से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने बुधवार को ट्विट कर कहा कि केंद्रीय बजट देश के 130 करोड़ लोगों की उम्मीदों से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा- बजट देश के विकास का रास्ता तय करता है। मैं आप सभी को विचार और सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित करता हूं। आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। यह बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी दूसरा बजट होगा। बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विट में कहा कि किसानों, शिक्षा और दूसरे क्षेत्रों के लिए अपने मूल्यवान विचार सरकार की वेबसाइट माईगॉव के जरिए साझा करें। मोदी से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी बजट पर आम लोगों से सुझाव मांग चुकी हैं। मोदी के सुझाव मांगने से एक दिन पहले ही केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने सालाना विकास दर का पहला अनुमान मंगलवार को जारी किया था। इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ पांच फीसदी विकास की उम्मीद है। मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था पर सोमवार को देश के 11 प्रमुख उद्योगपतियों से भी चर्चा की थी।
नई दिल्ली। देश के बैंकों की लगातार खराब होती हालत के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बैंकों के साथ बैठक की और उनको भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें सीबीआई या दूसरी केंद्रीय एजेंसियों से घबरावे की जरूरत नहीं है और उचित वाणिज्यिक फैसले की रक्षा की जाएगी। आम बजट से पहले सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में सीतारमण ने बैंकरों को भरोसा दिलाया कि उनके सही कारोबारी फैसलों का बचाव किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में बैंक अधिकारियों में जांच एजेंसियों को लेकर चिंता देखने को मिली है। इससे असल फैसले भी प्रभावित हो रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद कहा- बैंक के फैसले के बिना कोई भी मामला सीबीआई के पास नहीं जाता। सीबीआई बैंक के खिलाफ अपने आप संज्ञान लेकर मामला दर्ज नहीं करती है। यह बहुत स्पष्ट तरीके से समझना होगा कि बैंकों की एक आंतरिक समिति होती है जो कुछ खाते या कुछ मामले में धोखाधड़ी की जांच करती है और इसके लिए अच्छी तरह से परिभाषित प्रोटोकॉल है। उन्होंने कहा कि बैंक की आंतरिक समिति के फैसले के… Continue reading बैंकों को वित्त मंत्री ने दिलाया भरोसा