carona virus
भारत में लॉकडाउन को खोलने की प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ रही है। इसीलिए लॉकडाउन 5.0 को मीडिया में अनलॉक 1.0 भी कहा जा रहा है।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के पांचवें चरण को अनलॉक-एक नाम दिया है। कहा जा रहा है कि जिस तरह से चार चरण में लॉकडाउन रहा उसी तरह तीन चरण में इसे खत्म किया जाएगा।
किसी ने सोशल मीडिया में यह सवाल मजाक में पूछा कि भारत में आखिर रात में कर्फ्यू क्यों लगाया गया है, क्या कोरोना वायरस अंधेरी रातों में निकल कर घूमता है और ज्यादा खतरनाक हो जाता है?
आज सरकार ने ऐसी घोषणा की है जिसे तालाबंदी का खात्मा भी समझा जा सकता है और जिसे किसी न किसी रुप में तालाबंदी का जारी रहना भी माना जा सकता है। सरकारें और जनता, दोनों दुविधा में पड़े हैं कि अब तालाबंदी हट गई है या जारी है ?
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन को केंद्र सरकार ने 30 जून तक बढ़ा दिया है पर एक जून से शुरू हो रहे पांचवें चरण के लॉकडाउन में बड़ी राहतों की घोषणा की है।
काेरोना वायरस ‘कोविड-19’ महामारी के इलाज के लिए ‘वाष्प चिकित्सा’ को मंजूरी देने के निर्देश संबंधी एक जनहित याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी है।
दुनिया भर के देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की रफ्तार स्थिर हो गई है। हर दिन 80 हजार से एक लाख के बीच मामले आ रहे हैं।
दुनिया भर के देशों में कोरोना वायरस से हर दिन औसतन 80 हजार लोग संक्रमित हो रहे थे पर शुक्रवार की सुबह तक 24 घंटे में एक लाख मामले आए। इसकी वजह से संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 39 लाख 52 हजार पहुंच गई।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्द्धन दावा कर रहे हैं कि कोरोना के बड़े खतरे को हम पार कर चुके हैं। इसमें शक नहीं कि केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना से लड़ने का अथक प्रयत्न कर रही हैं
कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में जानकारी देने के लिए हर दिन शाम में भारत सरकार के जो अधिकारी प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए बैठते थे वे बड़ी शान से एक आंकड़ा बताते थे।
दुनिया भर के देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण और इससे मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। गुरुवार की सुबह तक पिछले 24 घंटे में 90 हजार से ज्यादा नए मामले आए।
विदेशों में काम करनेवाले लाखों भारतीयों को भारत लाने का बीड़ा अब भारत सरकार ने उठाया है। यह स्वागत योग्य कदम है। भारतीयों की यह घरवापसी शायद इतिहास की बेजोड़ घटना होगी।
कोरोना वायरस का संकट अब ऐसे दौर में पहुंच गया है, जहां आम लोगों की बचत चूक गई है, उनके संसाधन खत्म हो गए हैं, नौकरी-कामधंधे सब छूट गए हैं और उनका धीरज भी अब जवाब दे रहा है।
बीते मार्च में यह खबर आई थी कि वैक्सीन बनाने वाली जर्मन कंपनी क्योरवैक को अमेरिका ने एक अरब डॉलर देने की पेशकश की थी, ताकि वैक्सीन वैक्सीन के खास अधिकार वह अमेरिका को बेच दे। तब यूरोप में इसका भारी विरोध हुआ।
भारत सरकार ने दुनिया भर में फंसे प्रवासियों को समझा दिया था कि इस समय सरकार उनको निकाल कर लाने की स्थिति में नहीं है।