जाँच एजेंसियों से बदनाम मोदी सरकार
मोदी राज में यह चमत्कार हो रहा है कि सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों पर तो प्राथमिक कार्यवाही भी नहीं होती किंतु विपक्ष के नेताओं पर हवा की गति से कार्यवाही होती है। कई मामलों में तो केवल गवाह के बयान पर ही मुख्य मंत्री और बड़े-बड़े नेताओं को सीखचों के पीछे महीनों और सालों के लिए डाल दिया जाता है। यह आश्चर्यजनक है। हाल ही में सरकार की इस प्रवृत्ति पर कुछ रोक लगती नज़र आई है। सन् 2014 से नरेंद्र मोदी ने जब देश के प्रधानमंत्री बनने की तैयारी में अपना प्रचार अभियान शुरू किया था तो भ्रष्टाचार...