चुनावी हाँके में सूरत और इंदौर में काँग्रेस तो वीरभूम में बीजेपी
भोपाल। 1952 में हुए पहले आम चुनावों में प्रचार पैदल या साइकिल अथवा रिक्शा और तांगे से हुआ करता था। सभी पार्टियों की मत पेटियां उनके चुनाव चिन्ह के साथ एक बड़ी सी मेज पर रखी जाती थी। ये मतपेटियां दफ्ती की होती थी। चुनाव में गहमा – गहमी से भाषणबाजी और बिल्ले बाँट कर उम्मीदवार मतदाताओं से वोट का सहयोग मांगता था। उस समय सड़कों पर नारे लगाते एक दो नौजवान और उनके पीछे बच्चे उन नारों को दुहराते या हामी भरते थे। 1952, 1957, 1962, 1967 तक माहौल शांतपूर्ण ही था आजकल की परिभाषा से। 1967 में राज्यों...