भ्रष्टाचार बरदास्त ही नहीं वह तो जीवन!
भारत में लोगों के जीवन की नंबर एक खूबी क्या है? भ्रष्टाचार मानों प्राणवायु। यों ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की पिछली रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 85 वी थी लेकिन पूरी दुनिया में भारत में भ्रष्टाचार जिस सहज रूप में जीवन का हिस्सा है वैसा कही नहीं होगा। भारत में कोई भी काम कराने के लिए रिश्वत लेना और देना उसी तरह स्वाभाविक माना जाता है, जैसे नदी में मछली का पानी पीना। मछली को पानी से निकाल दिया जाए तो वह ऑक्सीजन की अधिकता से मर जाती है। उसी तरह अगर सरकारी और अब तो निजी क्षेत्र में भी कामकाज में अधिकारी...