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ब्रिटेन ने भारत के दबाव में Covishield को दी मान्यता, लेकिन कोविन सर्टिफिकेट को मंजूरी नहीं

भारत सरकार के दबाव के आगे ब्रिटेन की सरकार को झुकना पड़ा है और Britain ने भारत की कोविशील्ड वैक्सीन लगवाए लोगों को अपने यहां बिना क्वारंटीन के प्रवेश अनुमति (Britain Recognized Covishield) दे दी है।

समस्या कोविशील्ड नहीं बल्कि भारत का वैक्सीन सर्टिफिकेट है – यूके

अधिकारियों का कहना है कि समस्या कोविशील्ड नहीं बल्कि भारत में वैक्सीन प्रमाणन पर संदेह है। नए स्टिकिंग पॉइंट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने NDTV को बताया कि भारतीय वैक्सीन प्रमा

ब्रिटेन की यात्रा के दौरान होना पड़ सकता है क्वारंटीन, Covishield को मान्यता नहीं देने पर भारत ने जताया कड़ा ऐतराज

ब्रिटेन में अगले महीने चार अक्टूबर से प्रभावी होने वाले नए नियमों के अनुसार विभिन्न देशों के टीकों को लेकर जारी विस्तृत सूची में भारतीय टीकों को मान्यता (India Strict on Covishield) नहीं दी गई है।

केरल में कोवीशील्ड की डोज का अंतर घटेगा!

केरल में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच केरल हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोवीशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच का अंतर घटाने को कहा है।

यही तो मूल प्रश्न है

केरल हाई कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच 84 दिन का अंतराल टीके की उपलब्धता पर आधारित है या उसकी असर पर।

वैक्सीन मिक्सिंग के अच्छे नतीजे

कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए एक ही व्यक्ति को दो अलग अलग वैक्सीन लगाने यानी वैक्सीन मिक्सिंग करने का प्रयोग सफल रहा है। इसके नतीजे बहुत अच्छे आए हैं।

वैक्सीनेशन हुआ कोविशील्ड का और वैक्सीन प्रमाण पत्र पर कोवैक्सीन का नाम, जानें क्या है पूरा मामला..

कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों के लिए कोविन पोर्टल पर नई समस्या आ खड़ी हुई है। वैसे तो कोई ना कोई समस्या रहती ही है। मामला हरियाणा से सामने आया है। जहां एक महिला ने कोविन ऐप से कोरोना वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन करवाया। तय डेट पर महिला वैक्सीन लगाने सेंटर पहुंची तो टीकाकरण ( vaccination vs certificate ) केंद्र पर महिला को स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से कोविशील्ड की डोज लगाई गई। लेकिन उस महिला को कोविन पोर्टल के माध्यम से कोवैक्सीन के टीकाकरण का सर्टिफिकेट भेज दिया गया। इस पूरे मामले की शिकायत महिला ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी की है। also read: चमत्कार.. कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने से बेरंग से रंगीन हुई एक बुजुर्ग महिला की जिंदगी वैक्सीन लगी कोविशील्ड की और सर्टिफिकेट मिला कोवैक्सीन का ( vaccination vs certificate ) हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को किए ट्वीट में शिकायतकर्ता टिमसी दुआ ने लिखा कि रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद वैक्सीनेशन के लिए 4 जुलाई को उनका नंबर आया था। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि उन्हें पहली डोज़ कोविशील्ड वैक्सीन की लगाई जा रही है। ( vaccination vs certificate ) टिमसी ने शिकायत में लिखा कि वैक्सीन लगने के बाद उन्हें कोविन पोर्टल पर… Continue reading वैक्सीनेशन हुआ कोविशील्ड का और वैक्सीन प्रमाण पत्र पर कोवैक्सीन का नाम, जानें क्या है पूरा मामला..

चमत्कार.. कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने से बेरंग से रंगीन हुई एक बुजुर्ग महिला की जिंदगी

महाराष्‍ट्र |  देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन का अभियान चरम पर है। बड़े बुजुर्गो से लेकर युवाओं को वैक्सीनेट किया जा रहा है। इस बीच महाराष्‍ट्र के जालना जिले में एक बुजुर्ग महिला ने अजीब तरह का दावा किया है। हम सभी ने यह सुना है कि वैक्सीन से शरीर में एंटीबॉडी बनती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में कामयाब होती है। ( woman eyesight returned from the vaccine ) लेकिन महाराष्‍ट्र की एक महिला ने दावा किया है कि कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने से मेरी आंखों की रोशनी लौट आयी है। महिला की जिंदगी बेरंग थी जो कि अब रंगीन हो गई है। also read: ऐसे ही ‘मां’ और ‘पवित्र’ नहीं है गंगा ! संक्रमित शवों के बहाए जाने के बाद भी गंगा का जल एंटी वायरल क्या है मामला ( woman eyesight returned from the vaccine) मामला महाराष्‍ट्र के जालना जिले के परतूर गांव का बताया जा रहा है । महिला का नाम मथुराबाई बिडवे है और उनकी उम्र 70 साल की है। फिलहाल बुजुर्ग महिला वाशिम के रिसोड में रहती हैं। यहां पर रहने वाली एक बुजुर्ग महिला ने दावा किया है कि कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने से मेरी आंखों की रोशनी लौट आयी है।… Continue reading चमत्कार.. कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने से बेरंग से रंगीन हुई एक बुजुर्ग महिला की जिंदगी

यह अछूत होना नहीं तो क्या?

कहने को 27 देशों के यूरोपीय संघ में नौ देशों ने कोविशील्ड लगाए भारतीयों को यात्रा अनुमति दे दी है और इन नौ देशों में क्योंकि जर्मनी शामिल है तो जल्दी ही यूरोपीय संघ का मुख्यालय ब्रसेल्स भी सभी सदस्य देशों के ‘ग्रीन पास’ की अनुमति बनवा देगा। लेकिन क्या यूरोपीय संघ के 27 देशों और ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान याकि दुनिया के तमाम देशों में भारत के लोगों का उस निश्चिंतता से यात्रा करना संभव है जैसे बाकी देशों के नागरिक करने लगे हैं या करेंगे? कैसी अजीब बात है जो यूरोप और ब्रिटेन की कंपनी-रिसर्च से भारत में बनी वैक्सीन को वहां ऑटोमेटिक अनुमति नहीं मिली! सीरम इंस्टीच्यूट, उसके मालिक साइरस पूनावाला ने या भारत सरकार के कोविड टॉस्क फोर्स को पता ही नही था कि भारत निर्मित वैक्सीन का नाम यदि अलग है तो उसे यूरोपीय संघ में यात्रा नियमों, ट्रेवल पास के लिए एप्रूव कराना है। किसी को सुध, किसी को पता नहीं और दुनिया भर में यह बदनामी कि भारत निर्मित कोविशील्ड मान्य नहीं। नतीजतन भारत के विदेश मंत्री को अछूतपना खत्म कराने के लिए लड़ना पड़ा, भारत को धमकी देनी पड़ी। तो गलती यूरोपीय संघ की थी या पूनवाला और भारत की? य​ह भी… Continue reading यह अछूत होना नहीं तो क्या?

कोवीशील्ड पर जयशंकर ने की बात

jaishankar green pass covishield : नई दिल्ली। यूरोपीय संघ के वैक्सीन पासपोर्ट में कोवीशील्ड को नहीं शामिल करने के मसले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोपीय संघ के साथ बात की है। जयशंकर ने इटली के मोटेरा में चल रही विदेश मंत्रियों की बैठक में यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारियों के सामने यह मुद्दा उठाया। अधिकारी ने इस मामले को आगे बढ़ाने का वादा किया है। गौरतलब है कि यूरोपीय संघ ने सिर्फ चार वैक्सीन को ही पासपोर्ट के लिए मान्यता दिया है। ये  चार वैक्सीन लगवाने वालों को ही यूरोपीय संघ में यात्रा करने की अनुमति होगी। यूरोपियन मेडिसीन एजेंसी ने जिन वैक्सीन को मंजूरी दी है, उसमें फाइजर, मॉडर्न, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वेक्सजेरविरिया और जॉनसन एंड जॉनसन शामिल है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बनाए कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले लोगों को फिलहाल ग्रीन पास नहीं दिया गया है, क्योंकि ईएमए द्वारा इनके टीके को अभी मंजूरी नहीं दी गई है। Rajasthan Covid 19 Update: 24 घंटे में सामने आए 100 नए Corona केस, सर्जरी के बाद भी फैल रहा Black Fungus jaishankar green pass covishield : विदेश मंत्री जयशंकर ने जी-20 में विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल फोंटेल्स से… Continue reading कोवीशील्ड पर जयशंकर ने की बात

कोवैक्सीन सबसे महंगी क्यों है?

भारत की स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन सबसे महंगी क्यों है? यह लाख टके का सवाल है। बाकी वैक्सीन के मुकाबले इसकी कीमत बहुत ज्यादा है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की जिस कोवीशील्ड वैक्सीन का उत्पादन सीरम इंस्टीच्यूट में हो रहा है उसके मुकाबले कोवैक्सीन की कीमत लगभग दोगुनी है। कोवीशील्ड की एक डोज 780 रुपए की है तो कोवैक्सीन की एक डोज की कीमत 1,430 रुपए है। लगातार विवादों में रही इस कंपनी की वैक्सीन के असर को लेकर भी अभी तक संदेह हैं और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लुएचओ की मंजूरी भी नहीं है। हाल ही में इसे अमेरिका ने मंजूरी देने से इनकार किया है। इसकी कीमत का मामला इसलिए भी रहस्यमय है क्योंकि इस वैक्सीन की रिसर्च में भी भारत सरकार की एजेंसियां शामिल थीं। इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर के साथ मिल कर कंपनी ने यह वैक्सीन तैयार की है। पिछले दिनों इसको पेटेंट से मुक्त करने और कुछ दूसरी कंपनियों को भी इसका उत्पादन करने देने का फैसला भी हुआ। इसके बावजूद इसकी कीमत कम नहीं हुई है। कायदे से इसकी कीमत कोवीशील्ड और रूसी वैक्सीन स्पुतनिक से कम होनी चाहिए लेकिन इसकी कीमत उनसे ज्यादा है और भारत सरकार इसकी ज्यादा कीमत… Continue reading कोवैक्सीन सबसे महंगी क्यों है?

अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा! वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित कर सकता है कोरोना का ‘Delta’ Variant

नई दिल्ली | कोरोना वायरस को लेकर एक चौंकाने और डराने वाला खुलासा हुआ है। जिसके अनुसार, कोरोना वायरस (Coronavirus) कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की दोनों डोज लेने के बाद भी किसी को भी संक्रमित कर सकता है। एक अध्ययन में ये चौंकाने वाली बात सामने आई कि कोरोना का ‘डेल्टा’ वेरियंट (Delta Varient) कोविशील्ड और कोवैक्सीन (Covishield and Covaxin) की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित कर सकता है। ये भी पढ़ें- कोरोना मरीजों में मिला हर्पीज़ सिम्पलेक्स वायरस, डॉक्टर्स ने बताया बेहद खतरनाक रिपोर्ट के मुताबिक AIIMS दिल्ली और नेशनल सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल के अलग-अलग अध्ययनों में यह खुलासा हुआ है। यह वायरस पहली बार भारत में अक्टूबर में पाया गया था। हालांकि इन दोनों ही अध्ययनों की अभी तक समीक्षा नहीं की गई है। एम्स की स्टडी में पाया गया कि, डेल्टा वेरियंट ब्रिटेन में पाए गए अल्फा वेरियंट के मुकाबले 40 से 50 फीसदी ज्यादा संक्रामक है और भारत में कोरोना वायरस की बढ़ोतरी का यही सबसे बड़ा कारण है। ‘डेल्टा’ वेरिएंट इन्फेक्शन फैलाने में ज्यादा सक्षम भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन (Covaxin) दोनों तरह के टीका लेने के बाद भी डेल्टा ( B.1.617.2) वेरिएंट से संक्रमित होना पाया गया है। भारत में ब्वअंÛपद और… Continue reading अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा! वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित कर सकता है कोरोना का ‘Delta’ Variant

केन्द्र सरकार ने तय की COVID Vaccine की दरें, अब प्राइवेट अस्पतालों को मुंह मांगे दाम लेना पड़ सकता है भारी! जानें नई कीमत

नई दिल्ली। देश में 18 प्लस आयु वर्ग को फ्री वैक्सीन (Free Vaccine) लगाने की घोषणा के बाद अब केन्द्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की कीमतें तय कर दी है, ताकि कोई भी प्राइवेट अस्पताल अपनी मुंह मांगी कीमत न ले सके। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके अनुसार, ऑक्सफओर्ड-एस्ट्राजेनिका की कोविशील्ड (Covishield) के लिए अधिकतम 780 रुपये, भारत बायोटेक की तरफ से तैयार की गई कोवैक्सीन (Covaxin) के लिए 1410 रुपये और स्पूतनिक (Sputnik V) वैक्सीन के लिए 1145 रुपये प्राइवेट अस्पतालों के लिए तय कर दिए है। अब प्राइवेट अस्पताल जीएसटी (GST) और सर्विस टैक्स (Service Tax) मिलाकर भी इस निश्चित रकम से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि निर्माताओं द्वारा कोविड टीकों की 44 करोड़ खुराकों की आपूर्ति अगस्त और दिसंबर के बीच की जाएगी। ये भी पढ़ें:- Rajasthan Unlock होते ही राजधानी जयपुर में फिर बढ़ा Corona संक्रमण, कहीं फिर भारी न पड़ जाए ये लापरवाही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम (Vaccination Programme ) के लिए संशोधित गाइडलाइस जारी गई है। जिसके अनुसार, सभी वैक्सीन निर्माताओं की तरफ से प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन… Continue reading केन्द्र सरकार ने तय की COVID Vaccine की दरें, अब प्राइवेट अस्पतालों को मुंह मांगे दाम लेना पड़ सकता है भारी! जानें नई कीमत

क्या कोविशील्ड की एक ड़ोज से ही हो जाएगा कोरोना का खात्मा?? जानिए प्रोफेसर एंड्रयू जे पोलार्ड की राय..

delhi: भारत में कोरोना के मामलों में गिरावट होनी शुरु हो गई है। एक दिन के 3-4 लाख मामले दर्ज हो रहे थे वहीं अब एक दिन में एक लाख से भी कम मामले दर्ज हो रहे है। इसका सबसे बड़ा कारण है- कोरोना वैक्सीन। भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगाई जा रही है जो स्वदेशी है। लेकिन विदेशी वैक्सीन मोर्डना और जॉनसन&जॉनसन एक सिंगल डोज़ लगाए जाने को लेकर अब भारत में भी यह अनुमान लगाया जा रहा है कि क्या भारतीय वैक्सीन का भी सिंगल डोज़ लगाया जाएगा? क्या सिंगल डोज़ लगाने से कोरोना वायरस का खात्मा हो जाएगा? कुछ दिन पहले कोविशील्ड को लेकर यह चर्चा हुई थी कि इस वैक्सीन के सिंगल डोज़ लगाने से शरीर में एंटीबॉडी में बनने लगेगी। इन भ्रांतियों को दूर करते नीति आयोग के सदस्‍य वीके पॉल ने स्‍पष्‍टीकरण दिया है कि कोविशील्‍ड की डोज में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इसकी दो डोज ही दी जाएंगी। also read: उत्तराखंड में बदल रही है लिंगानुपात की तस्वीर, देवभूमि के इन आंकड़ों को देख आप भी करेंगे तारीफ प्रारंभिक दौर में कोविशील्‍ड को सिंगल डोज़ के रूप में देखा गया दरअसल ब्रिटेन के वैक्‍सीन टास्‍क फोर्स के प्रमुख कैट बिंगम ने पिछले… Continue reading क्या कोविशील्ड की एक ड़ोज से ही हो जाएगा कोरोना का खात्मा?? जानिए प्रोफेसर एंड्रयू जे पोलार्ड की राय..

Corona Vaccine: कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से बनती है ज्यादा एंटीबॉडी, अध्ययन में हुआ खुलासा

नयी दिल्ली | भारत में कोरोना के टीके को लेकर एक बहस काफी दिनों से छिड़ी हुई है. बहस का कारण है भारत मेंम लगाई जा रही कोवैक्सीन और कोविशील्ड में कौन सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. अब इस मसले पर एक ताजा रिपोर्ट में ये साफ हो गया है कि कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से ज्यादा एंटीबॉडी बनती है, हालांकि दोनों ही टीकों को प्रतिरक्षा को मजबूत करने वाला माना गया है. एहतियात के तौर पर दोनों टीकों की खुराकें ले चुके स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आयी है. बता दें कि अभी ये अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और इसे ‘मेडआरएक्सिव’ पर छपने से पहले पोस्ट किया गया है. देश के 515 स्वास्थयकर्मियों का लिया गया था सैंपल इसकी जांच के लिए देश के 13 राज्यों के 22 शहरों के 515 स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गयाथा. इनमें से 305 पुरुष और 210 महिलाएं थीं. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके का निर्माण कर रही है. वहीं हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ तालमेल से कोवैक्सीन का निर्माण कर रही है. अध्ययन में शामिल होने वालों के खून… Continue reading Corona Vaccine: कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से बनती है ज्यादा एंटीबॉडी, अध्ययन में हुआ खुलासा

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