अकेले कोचिंग सेंटर ही ज़िम्मेदार नहीं!
देश की शिक्षा व्यवस्था में ऐसी क्या कमी है कि विद्यार्थियों को एक्स्ट्रा कोचिंग लेनी पड़ती है? स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम को ऐसा क्यों नहीं बनाया जाता कि जिस भी विद्यार्थी को सिविल सेवाओं या अन्य किसी विशेष सेवा में जाना हो तो उसे उसी के कॉलेज में वह शिक्षा मिले? यदि एक्स्ट्रा कोचिंग ज़रूरी हो तो भी तमाम कोचिंग सेंटर को मौजूदा स्कूल और कॉलेजों में ही क्यों न चलाया जाए? देश की राजधानी दिल्ली में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे ने सभी को हिला दिया है। जिसे देखो वो कोचिंग सेंटर के संचालकों पर उँगली उठा रहा...