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  • देवशयनी एकादशी कल,हरिद्वार में गंगा स्नान करने से मिलेगा लक्ष्मी-नारायण का आशीर्वाद

    devshayani ekadashi: आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी बुधवार, 17 जुलाई को है. देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान श्रीहरि 4 माह के लिए क्षीरसागर में विश्राम के लिए चले जाते है. आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी से चतुर्मास भी शुरू हो जाता है. चतुर्मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इन दिनों दान-पुण्य का अधिक महत्व रहता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य पर यदि तीर्थ स्थान पर पूजा पाठ, व्रत आदि किया जाए, तो उसका फल और अधिक बढ़ जाता है. ऐसे ही देवशयनी एकादशी पर तीर्थनगरी...

  • uttrakhand: इस चमत्कारी मंदिर से हुई थी शिवलिंग की पूजा का शुभारंभ

    Jageshwar Dham : सृष्टि के जन्म से पहले भी महादेव की पूजा होती थी और सृष्टि के अंत के बाद भी महादेव की पूजा की जाएगी. लेकिन कई बार सवाल यह उठता है कि शिवलिंग की पूजा की शुरूआत (Jageshwar Dham) कैसे हुई. पुराणों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है. आइए आज हम जानते है कि शिवलिंग की पूजा कब और किसने प्रारंभ की. क्रिकेट के बाद इमरान खान के राजनीतिक करियर पर बैन! मंत्री ने दी जानकारी देवभूमि उत्तराखंड में स्थित है वह स्थान भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा की शुरुआत के बारे में तो पुराणों...

  • बदरीनाथ धाम के रावल ने दिया इस्तीफा…अब कौन करेगा धाम की सार संभाल

    badrinath dham: उत्तराखंड में स्थित चारधाम में से एक बदरीनाथ धाम में आज नए रावल की नियुक्ति की जाएगी. बद्रीनाथ की पूजा करने वाले मुख्य पुजारी को रावल कहते हैं. मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश और बद्रीनाथ जी की मूर्ति को स्पर्श करने का अधिकार सिर्फ रावल को ही है. इसके लिए तैयारिया आज से शुरू कर दी गई है. बद्रीनाथ मंदिर रावल द्वारा भगवान की पूजा करने की परंपरा 1776 से शुरू हुई. बदरीनाथ धाम में अबतक 20 रावल हुए हैं। अभी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी मंदिर के रावल हैं. नए रावल का तिलपात्र आज वर्तमान रावल ईश्वर प्रसाद...