समस्या व्यवस्थागत है
भारत में डॉक्टरों के साथ हिंसक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। मरीजों के परिजनों का गुस्सा अक्सर उन्हें झेलना पड़ता है। लेकिन हम अगर गौर करें, ज्यादातर मामलों की जड़ में ना तो डॉक्टरों की लापरवाही आएगी, ना परिजनों का असामाजिक व्यवहार। समस्या व्यवस्थागत है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार 75 फीसदी से अधिक डॉक्टरों ने कार्यस्थल पर किसी न किसी प्रकार की हिंसा का सामना किया है। ऐसे ज्यादातर मामलों में मरीज के परिजन शामिल थे। हालांकि स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति कार्यस्थल पर होने वाली हिंसा को लेकर देश में कोई केंद्रीकृत डेटाबेस मौजूद नहीं है, लेकिन मीडिया...