Dr. Ved Pratap Vaidik

  • डॉ. वैदिक की पुण्य तिथि पर स्मरण समारोह

    नई दिल्ली। डॉ. वेदप्रताप वैदिक की प्रथम पुण्यतिथि पर इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में स्मरण समारोह आयोजित किया गया। आयोजन में केरल के राज्यपाल श्री आरिफ़ मोहम्मद खान, वरिष्ठ राजनयिक श्री रणधीर जायसवाल, श्रीमती अलका मधोक, पूर्व राजनयिक श्री विद्यासागर वर्मा, श्री श्याम जाजू, वरिष्ठ पत्रकार श्री एच के दुआ, कलकत्ता के बिशनु लोहिया, प्रो. बालादास घोषाल, प्रो. सुरिंदर जोधका, प्रो. नीलादरी भट्टाचार्य, प्रतिभा आडवाणी, प्रो. विमलेश कांति वर्मा, प्रो विजय झाम्बोलकर, श्री मणिशंकर अय्यर आदि मौजूद थे। श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने डॉ. वैदिक को याद करते हुए कहा कि वे हमारे लिए प्रेरणा के...

  • वैदिकजी के संग का हर समय, हर प्रंसग लाजवाब होता था!

    वे मतभिन्नता को स्वतंत्र अभिव्यक्ति का महत्‍वपूर्ण अंग मानते थे और वाणी से इतने उदार थे कि दूसरों की दिल खोलकर प्रशंसा करते थे। वे नए ढंग और कलेवर से अपने दिल की गहराइयों से सराबोर बात रखने की कला में अत्यंत माहिर थे।...वे हिंदीवादी नहीं, बल्कि  हिंदी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के जीती-जागती लौ थे। भारतीय भाषाओं के विकास के लिए निरंतर आंदोलित रहे। वे उन लोगों से अलग थे, जो पदों की पहचान से जाने-पहचाने जाते हैं, बल्कि वे खुद की शख्सियत के रूप में रौशन करते गए और अपने-आप में एक संस्था की तरह जिए।...हरदिल अजीज, हंसमुख...

  • वैदिक अंकल

    समय कई बार अपनी निर्मम और नितांत अनापेक्षित मार से हमें भौचक्का कर देता है। समझ ही नहीं आता कि यह क्या, क्यों और कैसे हुआ। काल का अप्रत्याशित आक्रमण, अगली पीढ़ी के कंधों पर अचानक एक ऐसा बोझ डाल देता है जिसे संभालने के लिए उनके कंधे तैयार नहीं होते। मैं वैदिक अंकल के बारे में लिखने - भूतकाल में लिखने - के लिए कतई तैयार नहीं थी। पर मुझे तो लिखना होगा। वे मेरे लेखन पर मुझे बधाई देने वाले पहले व्यक्ति थे, वे पहले व्यक्ति थे जिनसे मैंने ‘नया इंडिया' के यूटयूब चैनल के लिए बातचीत की...