Dr. Ved Pratap Vaidik

  • वैदिक अंकल

    समय कई बार अपनी निर्मम और नितांत अनापेक्षित मार से हमें भौचक्का कर देता है। समझ ही नहीं आता कि यह क्या, क्यों और कैसे हुआ। काल का अप्रत्याशित आक्रमण, अगली पीढ़ी के कंधों पर अचानक एक ऐसा बोझ डाल देता है जिसे संभालने के लिए उनके कंधे तैयार नहीं होते। मैं वैदिक अंकल के बारे में लिखने - भूतकाल में लिखने - के लिए कतई तैयार नहीं थी। पर मुझे तो लिखना होगा। वे मेरे लेखन पर मुझे बधाई देने वाले पहले व्यक्ति थे, वे पहले व्यक्ति थे जिनसे मैंने ‘नया इंडिया' के यूटयूब चैनल के लिए बातचीत की...