चमकती अर्थव्यवस्था और बदहाल लोग
अमेरिका में जीडीपी की ऊंची वृद्धि दर का वहां के आम उपभोक्ताओं की खुशहाली से कोई रिश्ता नहीं है। बल्कि ये दोनों बातें आज विपरीत दिशा में जाती दिख रही हैं। मगर बात यहीं तक नहीं है। एक तथ्य यह भी है कि जिस समय जीडीपी की ऊंची वृद्धि दर हासिल हुई है, उसी समय अमेरिका में कंपनियों का संकट गहरा रहा है। ऋण डिफॉल्ट करने का खतरा उनके सिर पर मंडरा रहा है।…तो आखिर जीडीपी और आम अर्थव्यवस्था में इतना बड़ा फर्क क्यों है? यह प्रश्न सिर्फ अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि बाकी पूरी दुनिया के लिए भी...