Economy

  • सिकुड़ता हुआ मध्य वर्ग

    यह टिप्पणी भारतीय अर्थव्यवस्था की हकीकत बताती है। इससे भाजपा सरकार का “विकसित भारत” का नैरेटिव पंक्चर होता है। नेश्ले प्रमुख ने कहा कि भारत में मध्य वर्ग सिकुड़ रहा है, मगर साथ ही महंगी चीजों की मांग बढ़ रही है। बहुराष्ट्रीय कंपनी नेश्ले की भारतीय इकाई के प्रमुख ने जो कहा, वह विस्फोटक है और उस पर सत्ता पक्ष समर्थकों की तीखी प्रतिक्रिया अपेक्षित ही थी। सुरेश नारायणन की ये टिप्पणी भारतीय अर्थव्यवस्था की हकीकत बताती है। इससे भाजपा सरकार का “विकसित भारत” का नैरेटिव पंक्चर होता है। नारायणन ने कहा है कि भारत में मध्य वर्ग सिकुड़ रहा...

  • खाद्यान्नों की महंगाई नहीं रूक रही!

    एक बार फिर सरकार की ओर से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी हुए हैं और एक बार फिर कहा गया है कि खाने पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है। जब भी महंगाई दर बढ़ती है तो लगभग हर बार यही कारण होता है कि खाने पीने की चीजों की कीमतें बढ़ी हैं। इस बार जो आंकड़ा आया है यानी सितंबर, 2024 का उसमें कहा गया है कि खाने पीने की महंगाई दर 5.66 फीसदी से बढ़ कर 9.24 फीसदी हो गई। इसी वजह से...

  • अर्थव्यवस्था में कुछ बुनियादी गड़बड़ है

    देश की अर्थव्यवस्था में कुछ बुनियादी गड़बड़ी है और इसे समझने के लिए बड़ा अर्थशास्त्री होने की जरुरत नहीं है। सिर्फ हाल की कुछ खबरों को एक साथ रख कर देखा जाए तब भी यह अंदाजा हो जाता है कि कुछ न कुछ तो गड़बड़ है। अन्यथा ऐसा नहीं होता कि मुनाफे का ढोल पीट रहे तमाम बैंकों के परेशान होने की खबर आए और शेयर बाजार में उछाल जारी रहे। या चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की विकास दर अनुमान से कम रहे और रिजर्व बैंक के गवर्नर को कहना पड़े कि...

  • घंटी तो बजा दी!

    Economy: मुख्य आर्थिक सलाहकार ने जिस प्रवृत्ति को लेकर आगाह किया है, उससे निकलने का रास्ता क्या है? आखिर इस मुकाम तक हम पिछले साढ़े तीन दशक में अपनाई गई नीतियों की वजह से पहुंचे हैं। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार की चेतावनी भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने आखिरकार अर्थव्यवस्था के मौजूदा स्वरूप को लेकर वह चेतावनी दी है, जिस पर अर्थ जगत में पहले से चिंता रही है। नागेश्वरन ने अर्थव्यवस्था के वित्तीयकरण में निहित खतरों को लेकर आगाह किया है। उन्होंने देश के “वित्तीयकरण के जाल” में फंसने की आशंका जताई है।...

  • यही तो मसला है

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • अगस्त में एक लाख 75 हजार करोड़ जीएसटी मिली

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • पहली तिमाही में विकास दर 6.7 फीसदी रही

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • आंकड़ों में मिली राहत

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • योगी: यूपी अपनी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • सरकार इतनी लाचार क्यों?

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • प्रत्यक्ष टैक्स संग्रह में 21 प्रतिशत बढोतरी

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • हताशा का आलम

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • ये जो हकीकत है

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • अब जाकर खुली आंख!

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • आरबीआई की बैलेंस शीट बनाम पाकिस्तानी जीडीपी

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • विकास दर 8.2 फीसदी रही

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • नजरिया परिवर्तन या धमकी?

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • शेयर बाजार पांच ट्रिलियन डॉलर का हुआ

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • गुलाम कश्मीर और पाकिस्तान का सच

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

  • व्यापार संतुलन पर दबाव

    अर्थव्यवस्था इस हद तक कैपेक्स पर निर्भर क्यों है? संकट के समय में आर्थिक हालात को संभालने के लिए यह रास्ता उचित माना जाता है। लेकिन सामान्य समय में भी यही तरीका बचा रहे, तो यही माना जाएगा सामान्य आर्थिक चक्र कमजोर हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अप्रैल-जून में 6.7 फीसदी रह गई। इसका कारण बताते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा- ‘यह गिरावट हमारी अपेक्षाओं...

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