चरमरा रहा है लोकतंत्र
आम अनुभव यही है कि लिबरल डेमोक्रेसी के अंदर नीतिगत आधार पर मौजूद वास्तविक विकल्पों का अभाव बढ़ता चला गया है। नतीजा यह है कि ऐसे नेताओं और दलों के लिए रास्ता खुल गया है, जो जनता के बीच उत्तेजना फैलाने में माहिर हैं। विश्व मीडिया में 2024 को चुनावों का साल बताया गया है। इस वर्ष तकरीबन 60 देशों में किसी ना किसी स्तर के चुनाव होने हैं। शुरुआत बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाले संसदीय चुनाव होगी। लेकिन असल में वहां मतदाताओं के सामने चुनने के लिए कोई सार्थक विकल्प नहीं है। चूंकि प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद...