Film award

  • बाथरूम का हैंडल बने फ़िल्म पुरस्कार

    लंबे समय तक हिंदी फिल्मों में फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों की धूम रही।...नसीरुद्दीन शाह ने हद कर दी। उन्होंने अपने फॉर्महाउस के बाथरूम के दरवाजे में हैंडल की जगह वही प्रतिमाएं लगवा रखी हैं जो उन्हें इस पुरस्कार में मिली थीं।...किन्हीं भी पुरस्कारों के लिए सबसे मुश्किल काम अपनी साख बनाना और उसे बरकरार रखना है। ऐसी साख कि कोई उसे बाथरूम का हैंडल बनाने से पहले कई बार सोचे। सुभाष घई और अशोक पंडित को समझना चाहिए कि नसीरुद्दीन शाह को चुप करा देने से यह साख वापस नहीं आएगी। उसके लिए तो पुरस्कार देने वालों और सिनेमा उद्योग दोनों को...