हर जगह वही कहानी
मुख्य बात यह नहीं है कि लगातार तीन भयंकर हादसे हुए। बात यह है कि ऐसे हादसे हर कुछ दिन में हो रहे हैं, जो एक-दो दिन की सुर्खियों में रहते हैं और फिर उन्हें भुला दिया जाता है। उनसे कोई सबक नहीं सीखा जाता। दो दिन के अंदर हुए दो बड़े हादसों के शिकार शिशु और कम उम्र बच्चे बने। इसके साथ अगर मुंबई के डोंबिवली के एक केमिकल कारखाने में हुए विस्फोट से मौतों को भी जोड़ दें, तो लगातार तीन दिन आई झकझोरने वाली खबरों का एक सिलसिला नजर आता है। तीनों घटनाओं में समान बात वहां...