Foreign policy

  • मोदी सरकार की विदेश नीति किसके लिए?

    हिरोशिमा में शिखर बैठक के दौरान रूस से होने वाले हीरे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला हुआ।.. जी-7 शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी देशों के इस कदम पर एतराज नहीं जताया जबकि भारतीय हीरा उद्योग और उसके कारीगरों पर विनाशकारी असर होगा।...  निष्कर्ष है कि मोदी सरकार ने यूक्रेन युद्ध के दौर में जिस तरह भारतीय धनिक वर्गों के हितों को आगे बढ़ाया है, उसकी उम्मीद सूरत और दूसरी जगहों के हीरा कामगार नहीं कर सकते। यूरोपीय देश बैकडोर से तेल हासिल करने के लिए बेसब्र रहे हैं पर वैसी बेसब्री शायद हीरे के लिए...

  • थोड़े दिन की सुविधा

    परस्पर विरोधी मकसदों के लिए काम कर रहे दो गुट भारत को अपना विशेष सहयोगी मान रहे हैं। यह कहानी यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से जारी है। भारत को इसका खूब लाभ भी मिला है। ये दोनों बातें एक ही दिन हुईं। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने अपने देश की विदेश नीति का कॉन्सेप्ट दस्तावेज जारी किया, जिसमें चीन और भारत को रूस का खास सहयोगी बताया गया। यह भी कहा गया कि रूस की विदेश नीति का मकसद अपने सहयोगी देशों को साथ लेकर पश्चिमी वर्चस्व वाली विश्व व्यवस्था पर विराम लगाना है। उधर अमेरिकी नेतृत्व...

  • राहुल तो कभी माफी नहीं मांगेगे!

    राहुल मंगलवार को एक नए सवाल के साथ आ गए कि भारत की विदेश नीति का लक्ष्य क्या है? बताइए यह भी कोई बात है।दुनिया जानती है कि भारत की विदेश नीति निर्गुट आंदोलन के आधार पर दुनिया भर में सम्मानित रही। भारत तीसरी दुनिया के देशों का नेता रहा। उसके प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू उनकी आवाज उठाते रहे। और यह क्या बात हुई कि आज राहुल कह रहे हैं कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी विदेशों में अडानी की आवाज उठाते हैं। पड़ोसी देशों पर अडानी की सहायता का दबाव बनाते हैं।राहुल ने तथ्यों के साथ एक वीडियो इश्यू कर...

  • विदेश नीतिः भारत से चीन आगे क्यों ?

    विदेश नीति के मामले में चीन कैसे भारत से ज्यादा सफल हो रहा है, इसका ताजा उदाहरण हमारे सामने आया है। हम चीन को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अपना प्रतिद्वंदी समझते हैं और अपनी जनता को हम यह समझाते रहते हैं कि देखो, हम चीन से कितने आगे हैं लेकिन कल ईरान और सउदी अरब के बीच जो समझौता हुआ है, उसका सारा श्रेय चीन लूटे चले जा रहा है और भारत बगलें झांक रहा है। पिछले सात साल से ईरान और सउदी अरब के बीच राजनयिक संबंध भंग हो चुके थे, क्योंकि सउदी अरब में एक शिया मौलवी की हत्या...

  • विदेश नीतिः दोनों से दोस्ती

    जी-20 और क्वाड के सम्मेलन भारत में संपन्न हुए। इनसे हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की छवि तो खूब चमकी और भारत के कई राष्ट्रों के साथ आपसी संबंध भी बेहतर हुए लेकिन जी-20 ने कोई खास फैसले किए हों, ऐसा नहीं लगता। वह रूस-यूक्रेन युद्ध रूकवाने में सफल नहीं हो सका। आतंकवाद और सरकारी भ्रष्टाचार को रोकने पर दो अलग-अलग बैठकों में विस्तार से चर्चा हुई लेकिन उसका नतीजा क्या निकला? शायद कुछ नहीं। सभी देशों के वित्तमंत्रियों और विदेश मंत्रियों ने दोनों मुद्दों पर जमकर भाषण झाड़े लेकिन उन्होंने क्या कोई ऐसी ठोस पहल की, जिससे आतंकवाद...

  • फैसला तो लेना ही होगा

    जी-20 और क्वाड के सम्मेलन भारत में संपन्न हुए। इनसे हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की छवि तो खूब चमकी और भारत के कई राष्ट्रों के साथ आपसी संबंध भी बेहतर हुए लेकिन जी-20 ने कोई खास फैसले किए हों, ऐसा नहीं लगता। वह रूस-यूक्रेन युद्ध रूकवाने में सफल नहीं हो सका। आतंकवाद और सरकारी भ्रष्टाचार को रोकने पर दो अलग-अलग बैठकों में विस्तार से चर्चा हुई लेकिन उसका नतीजा क्या निकला? शायद कुछ नहीं। सभी देशों के वित्तमंत्रियों और विदेश मंत्रियों ने दोनों मुद्दों पर जमकर भाषण झाड़े लेकिन उन्होंने क्या कोई ऐसी ठोस पहल की, जिससे आतंकवाद...

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