सर्वलोकोपकारी गंगा
माता के समस्त पालक गुण गंगा में विद्यमान होने के कारण ही गंगा को माता कहा गया है। यही कारण है प्रत्येक भारतीयों की यह कामना होती है कि वे अन्त समय में वे अपनी प्यारी गंगा माता की गोद में ही अपना चिर शयन करे और उसके शरीर के कण गंगा के ही जल-कण में विलीन हो जायें। गंगा की यह अगाध महिमा चिरकाल से भारतीय प्रतिभा को प्रेरणा देती रही है। 30 मई - गंगा दशहरा: भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उत्कर्ष में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली गंगा न केवल हमारे देश की सबसे महान और पवित्र नदी...