गीता प्रेस का योगदान अतुलनीय
सन 1926 से लगातार प्रकाशित हो रहे कल्याण पत्रिका के आद्य संपादक नित्यलीलालीन भाईजी श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार थे, जो स्वयं कई दुर्लभ ग्रन्थों के प्रकाशक, भाष्यकार व टिप्पणीकार रहे हैं। गीता प्रेस की पुस्तकें पढ़-पढ़ कर बड़े हुए प्रतिष्ठित व्यक्तियों का कहना है कि सनातन हिन्दू धर्म की गीता प्रेस ने जो सेवा की है, वह अतुलनीय है। आज अगर सामान्य जन श्रीमद्भगवदगीता , श्रीरामचरित मानस सहित, पुराण, उपनिषद आदि अनेक दिव्य शास्त्र और ग्रन्थ बहुत कम मूल्य पर प्राप्त करके उनका अध्ययन कर रहे हैं, तो इसका श्रेय गीताप्रेस को ही है। गीता प्रेस गोरखपुर के शताब्दी...