Gotabaya Rajapaksa
कोलंबो। पांच साल के अंतराल के बाद श्रीलंका में राजपक्षे परिवार की सत्ता में वापसी ने एक ऐसे देश में प्रेस की आजादी और मानवाधिकारों को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं जो अभी भी एक दशक पहले अपने 26 साल के गृहयुद्ध के अंत की ओर मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों से जूझ रहा है। सुत्रों के मुताबिक, पूर्व सैन्य प्रमुख, गोटबाया राजपक्षे ने ध्रुवीकरण अभियान के बाद देश के 16 नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की, जिस दौरान उन्होंने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को बेहतर बनाने का वादा किया, जिसने अप्रैल में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा ईस्टर के मौके पर कई विस्फोटों का सामना किया। हमलों में 269 लोग मारे गए थे। सत्ता में आने के 10 दिनों के बाद, राष्ट्रपति ने अपने भाई और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्रालय का प्रमुख नियुक्त कर दिया। सबसे बड़े भाई, चामल को कृषि, सिंचाई, आंतरिक व्यापार और उपभोक्ता कल्याण मंत्रालय दिए गए, जिससे शासन की बागडोर लगभग पूरी तरह से राजपक्षे परिवार के हाथ में चली गई है जो 2009 में देश के गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद सबसे प्रमुख राजनीतिक परिवारों में से एक है। यह भी पढ़े:- भारत ने राजपक्षे को… Continue reading श्रीलंका: राजपक्षे परिवार के सत्ता में वापसी से मानवाधिकारों को लेकर चिंता बढ़ी
कोलंबो। क्रिकेट के मैदान पर अपने समय में अपनी ऑफ स्पिन से बल्लेबाजों को नचाने वाले मुथैया मुरलीधरन श्रीलंका में उत्तरी प्रांत के गवर्नर बनाए जा सकते हैं। ऐसी खबरें हैं कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, तमिल समुदाय से संबंध रखने वाले मुरलीधरन को उत्तरी प्रांत का गवर्नर बना सकते हैं। गोटाबाया राजपक्षे ने 2005 से 2015 के बीच रक्षा मंत्री रहने के दौरान तमिल संगठन लिट्टे का खात्मा किया था। लिट्टे से लड़ाई में आम तमिलों को हुई समस्याओं के कारण तमिल अल्पसंख्यकों ने चुनाव में राजपक्षे का साथ नहीं दिया था। राजपक्षे पर युद्ध अपराधों का आरोप लगा था। टेस्ट में 800 विकेट लेने वाले मुरली मूलत: भारतीय तमिल हैं जो श्रीलंका के कैंडी में रहते हैं। उन्होंने गोटाबाया का खुलकर समर्थन किया था। इस वजह से तमिल मुरलीधरन से खुश नहीं बताए जा रहे हैं। खबरों के मुताबिक, मुरली को श्रीलंका के तमिल बहुल इलाके उत्तरी प्रांत के गवर्नर की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
भारत ने श्रीलंका के नये राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से अपेक्षा व्यक्त की है कि वे समानता, न्याय, शांति एवं गरिमा की तमिल आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय मेलमिलाप की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे
श्रीलंका के नये राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को अपने भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नामित किया। इसके पहले महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति थे।
श्रीलंका में गोतबाया राजपक्ष के राष्ट्रपति बनने पर भारत को चिंता होना स्वाभाविक है, क्योंकि उनके भाई महिंद राजपक्ष अब से पांच साल पहले दस साल तक जब श्रीलंका के राष्ट्रपति थे, तब चीन की तरफ उनका झुकाव जरुरत से ज्यादा रहा था।
इस्लामाबाद। श्रीलंका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में गोटाबाया राजपक्षे की जीत पर पाकिस्तान के राजनैतिक गलियारों में खुशी जताई जा रही है। मीडिया में भी राजपक्षे की जीत को ‘पाकिस्तान के लिए खुशी व भारत के लिए झटका’ या ‘पाकिस्तान में खुशी व भारत में मातम’ जैसी सुर्खियों के साथ प्रकाशित किया गया है। सुत्रों क मुताबिक श्रीलंका के मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को भारत का करीबी माना जाता है। उनकी युनाइटेड नेशनल पार्टी के उम्मीदवार सजित प्रेमदासा की जीत की कामना भारत कर रहा था। जबकि, पाकिस्तान में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई गोटाबाया राजपक्षे की जीत की कामना की जा रही थी। यह खबर भी पढ़े: गोटाबाया ने श्रीलंका के 7वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली गोटाबाया की जीत पाकिस्तान के लिए राहत भरी खबर है। सुत्र के मुताबिक दावा किया गया है कि सितंबर में श्रीलंका क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे पर उस वक्त संकट के बादल मंडराए थे जब प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के आफिस ने पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर विपरीत रिपोर्ट दी थी। टीम का पाकिस्तान दौरा तब हुआ जब यह साफ हुआ कि ‘यह भारत था जिसने श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय का इस्तेमाल टीम का दौरा रद्द कराने के लिए फर्जी आतंकी… Continue reading ‘राजपक्षे की जीत पाक के लिए अच्छी और भारत के लिए झटका’
कोलंबो। श्रीलंका के पूर्व रक्षामंत्री गोटाबाया राजपक्षे ने सोमवार को देश के सातवें कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका के पोडुजना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के उम्मीदवार राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की है, और रविवार को उन्हें राष्ट्रपति घोषित किया गया। शपथ ग्रहण समारोह श्रीलंका के प्राचीन बौद्ध शहर अनुराधापुरा स्थित रुवानवेलिसया में आयोजित किया गया था। एसएलपीपी के अलावा विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे, पार्टी के अध्यक्ष जी. एल. पीरिस, नेशनल ऑर्गनाइजर बेसिल राजपक्षे, प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे और अन्य राजनेता समारोह में उपस्थित रहे। इसे भी पढ़ें : बोबडे ने 47वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली गोटाबाया ने 25 प्रशासनिक जिलों में से 16 जिलों -कालूतरा, गॉल, मतारा, हंबनटोटा, मोनारगला, रत्नापुरा, बादुल्ला, कुरुनगला, पुट्टलम, गम्पहा, कैंडी, मताले, पोलोन्नारुवा, कोलंबो, केगेल और अनुराधापुरा में जीत हासिल की थी।