सर्वजन पेंशन योजना
चुनाव बाद केंद्र शायद ले फैसले!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर में राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में राज्यों को लॉकडाउन से बचने की सलाह दी और कहा कि इसे अंतिम उपाय के तौर पर ही अपनाना चाहिए। हालांकि खुद प्रधानमंत्री ने पिछले साल वायरस की पहली लहर में इसे पहले उपाय के तौर पर ही अपनाया था। इसलिए हो सकता है कि एक बार फिर इसे कोरोना को रोकने के उपाय के तौर पर आजमाया जाए। लेकिन उसके लिए अभी एक हफ्ते और इंतजार करना होगा। जानकार सूत्रों के मुताबिक 29 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान होने के बाद सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कुछ कड़े फैसले कर सकती है। ध्यान रहे इस समय उत्तर प्रदेश में भी पंचायत का चुनाव चल रहा है। उसके दो चरण का मतदान हो गया है। बचे हुए दो और चरणों का मतदान भी 29 अप्रैल तक खत्म हो जाएगा। बंगाल के आखिरी चरण के मतदान और यूपी के पंचायत चुनावों की वजह से सरकार सख्त फैसले लेने से बच रही है क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर किया गया कोई भी फैसला इन दोनों राज्यों में भी समान रूप से लागू होगा। अगर अगले… Continue reading चुनाव बाद केंद्र शायद ले फैसले!

अब पछताते होत क्या!

जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश में कोहराम मचा है, तो सोशल मीडिया पर एक तबके की तरफ से ये बात बार-बार कही जा रही है कि अगर देश में लोग मंदिर- मस्जिद के मुद्दे पर वोट डालते हैं तो अब अस्पतालों के लिए क्यों रो रहे हैं? ये बात अपनी जगह गलत नहीं है। लेकिन जहां तक अस्पतालों या स्वास्थ्य सेवाओं की बात है, तो यह कहना एकांगी है। पूरी तस्वीर यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं से सरकार ने हटना 1991 में अपनाई गई नई आर्थिक नीति के बाद ही शुरू कर दिया था। उसके बाद से स्वास्थ्य सेवाओँ का निजीकरण हुआ। स्वास्थ्य सुविधाओं का दूरदराज तक जाल बिछाने के बजाय बीमा से सुरक्षा देना सरकारों की नीति बन गई। इसी नीति पर मोदी सरकार भी आगे बढ़ी है। यह ठीक है कि कोरोना महामारी आने के बाद उसके पास जरूरी इंतजाम करने का वक्त था। लेकिन पिछला एक साल उसने गंवा दिया। नतीजतन, अब देश में कुछ भी काबू में नहीं है। लोग अपने भाग्य भरोसे हैं। जो बच गया, सो बच गया। बहरहाल, जब बात अस्पतालों की होती है, तो ये ध्यान में रखना चाहिए खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश के… Continue reading अब पछताते होत क्या!

ऑक्सीजन के लिए देश में हाहाकार, महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक अफरातफरी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा है। संक्रमण से ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों हालात ज्यादा खराब हैं। मध्य प्रदेश के शहडोल में ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से शनिवार की रात 12 बजे के बाद 12 मरीजों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी कमी। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को दिन में बताया कि कई अस्पतालों में अब सिर्फ तीन-चार घंटे का ऑक्सीजन बचा है। महाराष्ट्र से लेकर राजस्थान और बिहार तक ऑक्सीजन की कमी से अफरातफरी मची है। मध्यप्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 12 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई। इसके अलावा पिछले 24 घंटे में दूसरी वजहों से 10 और कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इस तरह अकेले शहडोल में 22 संक्रमित मरीजों की मौत हुई हैं। बताया जा रहा है कि शहडोल मेडिकल कॉलेज में शनिवार रात 12 बजे ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया। इसकी वजह से मरीज तड़पने लगे। एक के बाद एक 12 मरीजों की सुबह छह बजे तक मौत हो गई। सभी आईसीयू में भर्ती थे। इससे पहले 15 अप्रैल को जबलपुर में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से पांच… Continue reading ऑक्सीजन के लिए देश में हाहाकार, महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक अफरातफरी

देश में डेढ़ करोड़ संक्रमित

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या डेढ़ करोड़ का आंकड़ा पार कर गई। रविवार को खबर लिखे जाने तक पूरे देश में दो लाख 58 हजार 95 नए केसेज आए थे, जिसके बाद संक्रमितों की संख्या एक करोड़ 50 लाख, 40 हजार से ज्यादा हो गई। खबर लिखे जाने तक छत्तीसगढ़ और झारखंड सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों के आंकड़े अपडेट नहीं हुए थे। छत्तीसगढ़ में हर दिन 13-14 हजार और झारखंड में चार हजार के करीब मामले आ रहे हैं। इस लिहाज से देर रात तक संक्रमितों की संख्या दो लाख 80 हजार तक पहुंच सकती है। खबर लिखे जाने तक देश में एक्टिव केसेज की संख्या 19 लाख 23 हजार 534 हो गई थी और 1,394 लोगों की मौत हुई थी, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। देश में मरने वालों की कुल संख्या एक लाख 78 हजार 567 हो गई है। कोरोना वायरस से सर्वाधिक संक्रमित राज्य महाराष्ट्र में रविवार को रिकार्ड संख्या में 68,631 नए केसेज आए। राज्य में 24 घंटे में 503 लोगों की मौत हुई, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को 25 हजार नए मरीज मिले और रिकार्ड संख्या में 161… Continue reading देश में डेढ़ करोड़ संक्रमित

कोरोना की दूसरी लहर से बचें!

लोगों को सरकारों के फैलाए झूठ में नहीं फंसना चाहिए और न नेताओं के आचरण का अनुसरण करना चाहिए। वे चुनाव लड़ रहे हैं, प्रचार कर रहे हैं तो उनको सत्ता मिलनी है। वे मास्क नहीं लगा रहे हैं तो कारण यह है कि उन्हें अपने चेहरे का प्रचार करना है। आम आदमी को न तो अपनी ब्रांडिंग करनी है और न उसे सत्ता मिलनी है। खामख्वाह जान चली जाएगी। इस बात को गांठ बांध कर रखें कि सरकारें झूठ फैला रही हैं। कोरोना कम घातक है या मामूली बुखार की तरह है या भारत के लोगों की इम्यूनिटी कमाल की है या लोगों को इसके साथ रहना सीख लेना चाहिए, जैसी बातें लोगों को मूर्ख बनाने के लिए कही जा रही हैं। इनका मकसद सिर्फ इतना भर है कि सरकारों की विफलता पर परदा डाला जा सके। असल में कोरोना की दूसरी लहर की हकीकत ज्यादा भयावह है। सबसे भयावह यह है कि केंद्र और राज्यों की सरकारों ने एक साल का समय मिलने के बावजूद कुछ नहीं किया है। सरकारें इस भ्रम में रहीं कि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है, हर्ड इम्यूनिटी बढ़ रही है और कोरोना अपने आप खत्म हो जाएगा। तभी पिछले साल… Continue reading कोरोना की दूसरी लहर से बचें!

इस बार सारी जिम्मेदारी लोगों पर

कोरोना वायरस के संक्रमण की पहलू और दूसरी लहर का एक फर्क हर व्यक्ति महसूस कर रहा है कि दूसरी लहर में वायरस ज्यादा तेजी से फैल रहा है। यह स्वाभाविक है। क्योंकि म्यूटेशन के बाद वायरस के जो नए स्वरूप बन रहे हैं उनकी मारक क्षमता कम हो रही है और संक्रमण की क्षमता बढ़ रही है। दूसरे, ब्रिटेन वाले स्ट्रेन के केसेज भारत में बढ़ रहे हैं, जिसके संक्रमण की रफ्तार 70 फीसदी ज्यादा है। सो, अंदाजा लगाया जा रहा है कि पिछली बार से 70 फीसदी ज्यादा लोग तो जरूर संक्रमित होंगे। पिछली बार के पीक के समय 97 हजार के करीब लोग संक्रमित हुए थे, जो इस बार डेढ़ लाख के पार जाएगा। गुरुवार को ही यह आंकड़ा एक लाख 31 हजार के पार चला गया है। यह भी पढ़ें: कोरोना: भारत में तब-अब संक्रमण की रफ्तार के अलावा जो दूसरा फर्क है वह ये है कि इस बार सरकार कुछ नहीं कर रही है। उसने सारी जिम्मेदारी नागरिकों पर डाल दी है। दुनिया भर के देशों ने कोरोना के खतरे को 2019 के अंत में या ज्यादा से ज्यादा 2020 के पहले महीने में भांप लिया था। भारत में भी पहला केस 30 जनवरी 2020… Continue reading इस बार सारी जिम्मेदारी लोगों पर

विशेष संपादकीय : कोरोना के केसेज बढ़ने का श्रेय किसको?

देश में कोरोना वायरस के केसेज का हर दिन नया रिकार्ड बन रहा है। पहली लहर जब पीक पर पहुंची थी तो पिछले साल 17 सितंबर को 97 हजार केस आए थे। दूसरी लहर में सात अप्रैल को एक लाख 26 हजार नए केस मिले। पिछले साल 17 सितंबर के बाद जब केसेज कम होने लगे तो सोशल मीडिया से लेकर मुख्यधारा की मीडिया तक में यह बताया जाने लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से कोरोना के केस कम हो गए हैं। भाजपा के नेताओं ने तो प्रचार किया कि मोदीजी ने देश के लोगों को बचा लिया, वरना सब कुछ नष्ट हो जाता। अमेरिका और दूसरे विकसित देशों में कोरोना केसेज के हवाले से मोदीजी को देश बचाने का श्रेय दिया गया। लॉकडाउन से देश की आर्थिकी के गर्त में जाने की हकीकत पर भी इस बात के पर्दा डाला गया कि मोदीजी ने लोगों की जान बचा दी। इसे भी पढ़ें :  कोरोना | कई राज्यों में नई पाबंदियां अब एक बार फिर कोरोना वायरस के केसेज बढ़ने लगे हैं। पहले के पीक के मुकाबले बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो गई है तो इसका ठीकरा किसके सर फूटेगा? क्या मोदीजी को श्रेय देने वाला मीडिया इसके लिए… Continue reading विशेष संपादकीय : कोरोना के केसेज बढ़ने का श्रेय किसको?

Covid in India और भी खतरनाक होते जा रहे कोरोना वायरस के नए दौर में कई राज्यों में नई पाबंदियां

नई दिल्ली | कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच कई राज्यों में नई पाबंदियों की घोषणा की गई है। मध्य प्रदेश में दमोह को छोड़ कर सभी छोटे-बड़े शहरों में सप्ताहांत का कर्फ्यू लगा दिया गया है और साथ ही कई शहरों में अस्थायी लॉकडाउन भी लागू कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के दो और शहरों में नौ दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में भी रात का कर्फ्यू लागू करने का ऐलान किया गया है। कुछ दिन पहले तक देश के 10 राज्यों में कोरोना का वायरस तेजी से फैल रहा था लेकिन अब बिहार, झारखंड जैसे राज्यों में भी बड़ी संख्या में केसेज आने लगे हैं। मोदी से आनलाइन मिलने नहीं आईं ममता बनर्जी, टेस्टिंग पर मोदी का जोर, वैक्सीन से ज्यादा डिस्टेंसिंग जरूरी बढ़ते हुए केसेज की वजह से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी छोटे-बड़े शहरों में सप्ताहांत में कर्फ्यू लागू करने का ऐलान किया। चौहान ने गुरुवार को कहा कि यह लॉकडाउन शुक्रवार शाम छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक यानी कुल 60 घंटे का होगा। दमोह में चूंकि उपचुनाव होने हैं इसलिए वहां कोई कर्फ्यू नहीं होगा, जबकि… Continue reading Covid in India और भी खतरनाक होते जा रहे कोरोना वायरस के नए दौर में कई राज्यों में नई पाबंदियां

Corona Update: कई राज्यों में हालात बिगड़े

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से सर्वाधिक संक्रमित महाराष्ट्र के अलावा कई राज्यों में संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है। मध्य प्रदेश के चार बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इंदौर में वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद भी 20 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। अब इनके सैंपल जांच के लिए दिल्ली की एनसीडीसी लैब में भेजे जाएंगे। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि इनमें कोरोना वायरस का कौन सा वैरिएंट है। इस बीत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में खुद खुली गाड़ी में सवार होकर सड़कों पर निकले और लोगों से मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की। मुख्यमंत्री सोमवार शाम छह बजे भोपाल की सड़कों पर निकले। उन्होंने लोगों से कहा- अस्पतालों में मरीज बढ़ते जा रहे हैं। हालात बिगड़ रहे हैं। इससे पहले की और हालात बिगड़े, सभी लोग मास्क लगाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मैं हाथ जोड़ कर कह रहा हूं, मैं लॉकडाउन नहीं लगाना चाहता हूं। उधर राजस्थान में भी कोरोना बेकाबू हो गया है। अप्रैल के पहले चार दिन में राज्य में 6,176 नए मरीज मिल चुके हैं। पिछले साल अप्रैल में… Continue reading Corona Update: कई राज्यों में हालात बिगड़े

क्या भारत झेल सकेगा यह लहर?

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है। दुनिया के जिस भी देश में दूसरी या तीसरी लहर आई वह पहले से ज्यादा तीव्र रही। हालांकि तीव्रता सिर्फ संक्रमण की रफ्तार में बढ़ती है। जैसे जैसे नई लहर आती है वह कम घातक होती जाती है। यानी संक्रमण की दर तेज रहती है पर उसकी मारक क्षमता कम हो जाती है। भारत में भी यही देखने को मिल रहा है। इस बार संक्रमण की दर पहले से बहुत तेज है। लेकिन वायरस की मारक क्षमता कम हो गई है। पहली लहर के पीक समय में यानी पिछले साल सितंबर में जब 90 हजार से ज्यादा केसेज एक दिन में आ रहे थे तो मरने वालों की संख्या एक हजार से ज्यादा होती थी, जबकि अभी यह संख्या पांच-छह सौ के बीच है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आंकड़े का ध्यान दिलाते हुए बताया कि पिछले साल जब तीन-चार हजार केसेज आ रहे थे तब 30-40 लोगों की मौत हो रही थी, जबकि इस लहर में 13-14 लोगों की मौत हो रही है। जाहिर है वायरस की संक्रमण क्षमता बढ़ गई है पर मारक क्षमता कम हो गई है। वायरस की इस लहर का दूसरा पहलू… Continue reading क्या भारत झेल सकेगा यह लहर?

Corona Update: संक्रमण का नया रिकार्ड

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर में हर दिन संक्रमितों की संख्या का नया रिकार्ड बन रहा है। रविवार को महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या का नया रिकार्ड बना। वहां 24 घंटे में 57 हजार से ज्यादा मरीज मिले। देश भर में भी संक्रमितों की संख्या रविवार को नया रिकार्ड बना सकती है। खबर लिखे जाने तक देश भर में 90 हजार से ज्यादा मरीज मिलने की पुष्टि हो गई थी, जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के आंकड़े अपडेट नहीं हुए थे। एक दिन पहले छत्तीसगढ़ में 58 सौ से ज्यादा मरीज मिले थे। इन तीन राज्यों के एक दिन पहले के आंकड़े के आधार पर अनुमान है कि देर रात तक इन राज्यों के आंकड़े अपडेट होने के बाद देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख के आंकड़े तक पहुंच सकती है। बहरहाल, देश में सर्वाधिक संक्रमित महाराष्ट्र में रिकार्ड संख्या में 57 हजार से ज्यादा मरीज मिले। महामारी की पूरी अवधि में एक दिन में इतने मरीज कभी नहीं मिले थे। दुनिया के देशों में अमेरिका को छोड़ कर बाकी किसी भी देश में एक दिन में इतने केसेज नहीं आए हैं, जितने अकेले महाराष्ट्र में आए हैं। महाराष्ट्र… Continue reading Corona Update: संक्रमण का नया रिकार्ड

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