‘हिंदू विकास दर’ का जुमला बेतुका
वैश्विक घटनाओं से भारत भी प्रभावित है और बढ़ती महंगाई चिंता का विषय बनी हुई है। किंतु सतत प्रयासों और नीतिगत उपायों से तुलनात्मक रूप से भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है। ऐसे कई संकेत है, जो अपने भीतर उत्साह बढ़ाने वाले पहलुओं को समेटे हुए है। वर्ष 2022-23 में कुल निवेश का आंकड़ा, जीडीपी के 34 प्रतिशत के बराबर पहुंच गया है, जो विगत एक दशक में सबसे उच्च है। शुद्ध राष्ट्रीय आय और शुद्ध कर संग्रह सतत बढ़ रहा है। मोदी सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ाकर आधारभूत ढांचे को विकसित करने में जुटी है, जो आर्थिक गतिविधियों को गति...