Hindu Marriage

  • सुलह की गुंजाइश न हो तो शादी तोड़ सकती है अदालत

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तलाक को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा है कि अगर पति-पत्नी के बीच सुलह की गुंजाइश नहीं है तो अदालत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके शादी समाप्त कर सकती है। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को व्यवस्था दी कि वह पति-पत्नी के बीच आई दरार भर नहीं पाने के आधार पर किसी शादी को खत्म करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल कर सकता है। जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने कहा- हमने अपने निष्कर्षों के अनुरूप, व्यवस्था दी है कि इस अदालत...