आर्थिकी में सभी और दिख रही संपन्नता
भारत अभावों से युक्त अर्थव्यवस्था से एक संपन्न आर्थिकी में परिवर्तित हो रहा है। यह बड़ा परिवर्तन इतनी सरलता से हो गया कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।… नौ साल की अवधि में प्रति वर्ष साढ़े पांच लाख से 25 लाख रुपये के बीच कमाने वालों में 20 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि हुई है। 'पीपल रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी' नामक शोध संस्था ने मध्यमवर्ग को उन लोगों तक सीमित किया है, जिनकी वार्षिक आय पांच लाख से 30 लाख रुपये वार्षिक के बीच है। देश में त्योहारों का माहौल है। शारदीय नवरात्र, दशहरा और करवाचौथ के...