बीहड़ (भारत) में बारिश!
rain: सुध नहीं इसलिए ओझल है अन्यथा मौजूदा भारत बीहड़ है। तभी भारत का हर दिन बीहड़ कथा का दिन है। और कथा दिन में एक नहीं, बल्कि असंख्य। भारत की जमीं, भारत के भूगोल, भारत की आबोहवा, मनुष्यों की दैनंदिनी में कुछ भी अब समतल नहीं है। सब कुछ उबड़ खाबड़, ऊंचा नीचा और लूटखसोट से है। स्वाभाविक जो मनुष्य जिंदगी का हर पहलू सचमुच तकलीफदेह है। किसी भी पहलू में सोचें लोगों की जिंदगी बेबस, बेकाम, बदहाल और लाचार है। गरीबी है, बेराजगारी है, अशिक्षा है और अंधविश्वास है। वही कुप्रथाएं हैं, भूख है, भय है और रामभरोसे...