सिर्फ सिस्टम काफी नहीं
भारत अब तक 20 से अधिक देशों के साथ आपसी मुद्राओं में भुगतान का सिस्टम बना चुका है। लेकिन क्या यह सचमुच रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने और इस रूप में अमेरिकी डॉलर के एक विकल्प के रूप में खड़ा करने के लिहाज से पर्याप्त है? पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रुपये और दिरहम में व्यापार करने के लिए एक समझौते पर दस्तखत किए गए। इसके तहत दोनों देशों के बीच एक लोकल करेंसी सेटलमेंट सिस्टम बनाया जाएगा। भारत में यह बताया गया कि ये कदम रुपये को...