एतराज की बात तो है
तर्क यह है कि सरकारी पद पर रहते हुए अधिकारी भविष्य में पद पाने की उम्मीद में किसी कंपनी या राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने वाला निर्णय ले सकता है। ऐसी प्रवृत्तियों को रोकने के उपाय होने चाहिए। लेकिन अब ऐसी अपेक्षाएं हाशिये पर पहुंचा दी गई हैं। जस्टिस एस अब्दुल नजीर को राज्यपाल बनाए जाना बेनजीर घटना तो नहीं है, फिर भी उस पर जताए जा रहे एतराज का संदर्भ है। बल्कि यह कहा जाएगा कि ये आपत्तियां वाजिब हैं। जस्टिस नजीर इसी वर्ष चार जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए। वे अयोध्या भूमि विवाद और तीन तलाक...