उबाऊ चुनाव में लौटा जोशो-खरोश!
क्या अमेरिका एक नई पटकथा लिखने जा रहा है? क्या 'क्वीन ऑफ कमबैक' कमला हैरेस, 'कमबैक' कर सकेंगी? क्या वे एक नस्लवादी, स्त्री-द्वेषी बुजुर्ग को हराने लायक जनसमर्थन जुटा सकेंगी? उम्मीद तो है। और वह उम्मीद कुछ हद तक इच्छा से उभरी है। अर्थात हम वह होने की उम्मीद कर रहे हैं, जो हम चाहते हैं! कमला हैरेस ने एक उबाऊ चुनाव में जोशो-खरोश और उत्साह फूँक दिया है। दो बड़े मियांओं की कुश्ती में किसे दिलचस्पी होगी? ऐसी कुश्ती में न तो मज़ा होता है और ना रोमांच, केवल बोरियत होती है। लेकिन कमला हैरेस के मैदान में उतरने...