kashmir election

  • कश्मीर में 44 फीसदी निर्दलीय उम्मीदवार

    जम्मू कश्मीर में निर्दलीय उम्मीदवारों की बहार आई है। लगभग हर सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पहले और दूसरे चरण में 44 फीसदी उम्मीदवार निर्दलीय हैं। इतनी बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार उतरने से कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की चिंता बढ़ी है। इन तीनों पार्टियों के नेता निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ साथ सज्जाद लोन, अल्ताफ बुखारी और इंजीनियर राशिद के उम्मीदवारों को भाजपा के प्रॉक्सी उम्मीदवार बता रहे हैं। उनका कहना है कि इनकी पीछे भाजपा की ताकत है। उसने घाटी में अपने कम उम्मीदवार उतार कर इन निर्दलीय और छोटी...

  • राहुल कहे पर शाह क्यों चिढ़े?

    जम्मू कश्मीर के दो दिन के दौरे के दूसरे दिन शनिवार, सात अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी सहयोगी पार्टियों के नेता जम्मू कश्मीर की जनता को मूर्ख बना रहे हैं। शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा विपक्षी पार्टियां नहीं बहाल कर सकती हैं। राज्य का दर्जा बहाल करने का अधिकार केंद्र सरकार को है। इसके आगे उन्होंने कहा कि उचित समय पर केंद्र सरकार राज्य का दर्जा बहाल करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री से इस बयान का क्या मतलब है? राज्य का दर्जा बहाल करने का अधिकार केंद्र...

  • उमर अब्दुल्ला पर राजनाथ का हमला

    श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर में प्रचार के लिए पहुंचे। उन्होंने रामबन में चुनावी सभा को संबोधित किया और अब्दुल्ला परिवार पर निशाना साधा। राजनाथ सिंह ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू के मामले में कहा कि उसको फांसी पर नहीं लटकाते तो क्या माला पहनाते। गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि अफजल गुरू को फांसी देने से कोई मकसद पूरा नहीं हुआ। राजनाथ सिंह ने पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में मिलाने की भी बात कही। उन्होंने रविवार, आठ सितंबर को कहा कि पाकिस्तान के...

  • बिना डर के चुनाव के लिए तैयार कश्मीर!

    हुर्रियत कांफ्रेंस जैसे संगठन अब सक्रिय नही हैं। यह एक बड़ा बदलाव कश्मीर में हुआ है। जिससे आम कश्मीरी के अंदर का डर समाप्त हुआ है और लोग अब चुनाव से दूर भागने की जगह चुनाव आदि में हिस्सा ले रहे हैं। एक सुरक्षित वातावरण मिलने के बाद आम आदमी अपने को सुरक्षित महसूस कर रहा है।… हुर्रियत कांफ्रेंस जैसे संगठन अब इतिहास का हिस्सा हो चुके और उनका नाम लेने तक को भी कोई तैयार नही है। जमायते इस्लामी जैसे संगठन अब चुनाव में भागीदारी की बात करने लगे हैं। हाल ही में हुए कुछ आतंकवादी हमलों के बावजूद...