थियेटर की महक है “कटहल” में
भोपाल। थियेटर व फिल्मों का जितना करीबी रिष्ता इन दिनों देखने को मिलता है, वैसा पहले शायद नहीं रहा। थियेटर से फिल्मों व टी.वी. सीरियल में गये कलाकारों ने फिल्मों को एक नया कलेवर व मुहावरा दिया है। अनेक रंगकर्मी फिल्मों में भी बेहतरीन काम कर रहे है और थियेटर में भी अपनी सक्रियता बनाये हुए हैं। शबाना आजमी, स्व. फारूख शेख, नसीरूद्दीन शाह, राजेन्द्र गुप्ता, हिमानी षिवपुरी यषपाल शर्मा जैसे कई प्रसिद्ध रंगकर्मियों ने जहां फिल्मों में अपने को से नये आयाम गढ़े हैं तो उसी के समांनातर थियेटर को भी लगातार समृद्ध करते रहे हैं। ये रंगकर्मी न...