Kharge new team

  • खड़गे ने पुरानों को क्यों रखा, क्यों छोड़ा?

    वैसे तो सोनिया और राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कामकाज की स्वायत्तता दी है। वे स्वतंत्र होकर फैसले कर रहे हैं। लेकिन सबको पता है कि जब नेहरू-गांधी परिवार के तीन तीन सदस्य सक्रिय राजनीति में हों तो किसी बाहरी नेता के लिए स्वतंत्र होकर काम करना कितना मुश्किल होता है। बहरहाल, खड़गे ने अध्यक्ष बनने के 10 महीने बाद और अध्यक्ष पद पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मुहर लगने के छह महीने बाद कांग्रेस कार्य समिति का गठन किया है। उनकी बनाई भारी भरकम समिति में कई सदस्यों को शामिल किए जाने और अनेक बड़े...

  • खड़गे की कमेटी पर सोनिया की छाप

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बनाई कार्य समिति पर सोनिया गांधी की स्पष्ट छाप दिख रही है। ऐसा लग रहा है कि सोनिया की कांग्रेस की वापसी हो गई है, जिसमें कुछ नए सदस्य इसलिए जगह पा गए हैं क्योंकि वे राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी हैं और उनके प्रति निष्ठावान हैं। अगर कोई आंख बंद करके सोनिया गांधी की दो दशक पुरानी टीम को याद करे तो ज्यादातर चेहरे खड़गे की टीम में भी दिखाई देंगे। पदेन सदस्यों को छोड़ दें जैसे पूर्व अध्यक्ष सोनिया व राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा में पार्टी...

  • महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा सदस्य

    मल्लिकार्जुन खड़गे की बनाई कांग्रेस कार्य समिति में सबसे ज्यादा सदस्य महाराष्ट्र से रखे गए हैं। सोचें, पिछले चुनाव में राज्य में कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी रही थी फिर भी सबसे ज्यादा सदस्य वहां से रखे गए हैं। इसका कारण यह है कि कांग्रेस को इस बार के चुनाव में वहां अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। वैसे राजस्थान से भी सात लोगों को जगह मिली। चूंकि राजस्थान में विधानसभा का चुनाव होने वाला है इसलिए वहां का प्रतिनिधित्व ज्यादा रखा गया है। हालांकि यह आधार नहीं होना चाहिए था। क्योंकि अगले साल जिन राज्यों में चुनाव होने वाले...

  • बिहार, झारखंड का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व

    कांग्रेस के लिए बिहार और झारखंड का कोई खास महत्व नहीं है। हालांकि समूचे हिंदी पट्टी में कांग्रेस ने जो चार-पांच लोकसभा सीटें जीती हैं उनमें से दो इन राज्यों की हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को मिला कर कांग्रेस के सिर्फ छह सांसद हैं, जिनमें से एक एक बिहार और झारखंड में भी हैं। लेकिन इन दोनों राज्यों को मल्लिकार्जुन खड़गे की बनाई कार्य समिति में सिर्फ प्रतीकात्मक जगह मिली है। 39 सदस्यों की मुख्य कार्य समिति में बिहार के दो नेताओं को जगह मिली है। एक मीरा कुमार और दूसरे तारिक अनवर। मीरा...