फिर बनेंगी ‘बावर्ची’, ‘मिली’ और ‘कोशिश’
ऋषिकेश मुखर्जी की ‘बावर्ची' व ‘मिली’ और गुलज़ार की ‘कोशिश’ जब बनी थीं तो मुख्यधारा के सिनेमा का हिस्सा नहीं थीं। मगर अपने यहां समांतर और मेनस्ट्रीम सिनेमा के बीच भी एक धारा रही है। ऋषिकेश और गुलज़ार का सिनेमा इसी तीसरी धारा का प्रतिनिधित्व करता है। यह ऐसी फिल्मों की धारा थी जो बहुत ज्यादा नहीं चलती थीं, पर अपना काम चला लेती थीं। इनकी खूबी यह थी कि वे कमर्शियल यानी मुख्यधारा के दर्शकों की तरह समांतर सिनेमा के प्रशंसकों को भी पसंद आती थीं। वास्तविकता तो यह है कि कमर्शियल सिनेमा के बहुत से दर्शक इसी धारा...