लापता लेडीज़ः सत्य और सबक!
कहानी का सबसे बड़ा सबक़ तो यह है कि नवविवाहिताओं को इतना लंबा घूँघट निकालने के लिए मजबूर न किया जाए। उनका सिर ज़रूर ढका हो पर चेहरा खुला हो।दूसरा सबक़ यह है कि ग्रामीण परिवेश में पाली-बढ़ी, अनपढ़ या कम पढ़ी लिखी लड़कियों को विदा करते समय उनके घर वालों को उस लड़की के ससुराल और मायके का पूरा नाम पता और फोन नंबर लिख कर देना चाहिए। बचपन से पढ़ते आए हैं कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। पिछले सौ वर्षों से फ़िल्मों को भी इस श्रेणी में रखा जा सकता है। ख़ासकर उन फ़िल्मों को जिनके...