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  • बदहाली का यह आलम

    अफसोस सिर्फ यह है कि यह दुर्दशा फिलहाल राष्ट्रीय चर्चा के एजेंडे पर कहीं नजर नहीं आती। इसलिए यह खबर भी ‘बड़ी खबरों’ की बड़ी सुर्खियों के अंदर कहीं दब गई कि 2019 से 2021 के बीच 1.12 लाख दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की। भारत में ऐसी दुखद खबरें अब असामान्य नहीं हैं। जब जमीन पर आर्थिक हालत बिगड़ती जाएगी, तो लोगों में हताशा गहराना आम बात हो जाए, तो उस पर किसी हैरत की जरूरत नहीं है। अफसोस सिर्फ यह है कि यह दुर्दशा फिलहाल राष्ट्रीय चर्चा के एजेंडे पर कहीं नजर नहीं आती। इसलिए यह खबर भी ‘बड़ी...

  • बजट से आम जनता और त्रस्तः मायावती

    लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में बुधवार को कहा कि लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों? उन्होंने कहा कि बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर होता है क्योंकि देश के 130 करोड़ गरीब, मजदूर (laborers), वंचित और किसान अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षो में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही लेकिन मध्यम वर्ग महंगाई व बेरोजगारी के कारण निम्न मध्यम वर्ग बन...