Laddakh
जिस दिन से चीन और भारत की सरकार ने लद्दाख में शांति बहाली के समझौते और सैनिकों की चरणबद्ध वापसी का ऐलान किया है उस दिन से कांग्रेस इस बात को लेकर हमलावर है कि सरकार ने ‘भारत माता की जमीन चीन को सौंप दी’।
चीन की सेना के साथ भारत के सैन्य कमांडर की आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। चीन किसी हाल में अपनी जगह से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
भारत ने लद्दाख को केंद्र शासित राज्य बनाए जाने और सीमा पर भारत की ओर से हो रहे निर्माण के मामले में चीन की ओर से की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक दिन देर से की गई टिप्पणी में भारत ने चीन से कहा है कि वह अपना मुंह बंद रखे और भारत के आंतरिक मामलों में दखल न दे।
अमेरिका ने चीन के विरुद्ध अब बाकायदा शीतयुद्ध की घोषणा कर दी है। ह्यूस्टन के चीनी वाणिज्य दूतावास को बंद कर दिया है। चीन ने चेंगदू के अमेरिकी दूतावास का बंद करके ईंट का जवाब पत्थर से दिया है।
भारत लड़े या न लड़े? भारत को अपनी अखंडता- सार्वभौमता की रक्षा में लड़ना चाहिए या नहीं? वह कैसे लड़े? कौन है दुश्मन? वह चीन से लड़े या पाकिस्तान से? क्या दोनो से उसकी लड़ाई नहीं है? दोनों क्या उसके दुश्मन नहीं है
अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाव प्रदेश के अध्यक्ष भी रहे हैं। वे बार बार केंद्र सरकार और अपनी पार्टी को भी समझा रहे हैं कि चीन उनके इलाके में अपने पैर फैला रहा है।
कश्मीर में पिछले महीने- यानी जून में 43 उग्रवादी मुठभेड़ में मारे गए। इस दरम्यान कई सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुए। इन घटनाओं ने यह जाहिर किया कि पिछले अगस्त के बाद कश्मीर में घाटी में जो खामोशी थी, वह टूट रही है।
भारत और चीन के सैनिकों की बीच हुई मुठभेड़ और उसके कारण हताहतों की खबर ने देश के कान खड़े कर दिए। यह मुठभेड़ में तीन भारतीय फौजी मारे गए और माना जा रहा है कि चीन के चार या पांच फौजी मारे गए।
इस सवाल का दो—टूक जवाब देना आसान नहीं है कि चीनी माल का हम लोग बहिष्कार करें या न करें।
जम्मू कश्मीर 31 अक्टूबर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल गया। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘नई व्यवस्था’ का लक्ष्य ‘विश्वास की मजबूत कड़ी’ बनाना है।
जम्मू-कश्मीर नेशनल काॅन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह राणा ने जम्मू—कश्मीर के राज्य का दर्जा बरकरार रखने की मांग की है।
जम्मू-कश्मीर आज बदलेगा दो केंद्र शासित प्रदेशों में। दोनों राज्यों में नए उप राज्यपाल कामकाज संभाल लेंगे।