lateral entry

  • लैटरल एंट्री में आखिर क्या गलत है?

    भारत सरकार की शीर्ष नौकरशाही में निजी क्षेत्र के पेशेवरों को सीधे उच्च पदों पर बहाल करने की लैटरल एंट्री की योजना को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी ने केंद्र सरकार के अलग अलग विभागों में संयुक्त सचिव, निदेशक सहित 45 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के निर्देश पर यूपीएससी ने 17 अगस्त को निकाला गया अपना यह विज्ञापन रद्द कर दिया है। विपक्षी पार्टियों खास कर कांग्रेस और केंद्र सरकार में शामिल दो सहयोगी पार्टियों, जनता दल यू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विरोध...

  • अब रोल-बैक सरकार

    बतौर प्रधानमंत्री तीसरे कार्यकाल में यह धारणा टूट गई है कि नरेंद्र मोदी दृढ़ संकल्प वाले नेता हैं और वे किसी फैसले को वापस नहीं लेते हैं। इस कार्यकाल में सामने यह आया है कि सरकार चलती रहे, इस तकाजे के कारण वे किसी अन्य नेता की तरह ही व्यवहार करते हैं। इसका ताजा उदाहरण उच्च नौकरशाही में लेटरल एंट्री से संबंधित विज्ञापन को वापस लेने का प्रकरण है। इसके पहले वक्फ़ बोर्ड विधेयक, पूंजीगत लाभ टैक्स में बढ़ोतरी, और कथित सेकुलर कानून लाने का इरादा जताने के बाद एनडीए समन्वय समिति की बैठक बुलाने की तत्परता से ये रुझान...

  • लैटरल एंट्री पर घिरेगी सरकार

    केंद्र सरकार ने लैटरल एंट्री के जरिए शीर्ष नौकरशाही में 45 पदों पर भर्ती निकाल कर क्या गलती कर दी है? भाजपा की सहयोगी जनता दल यू के नेता केसी त्यागी का ऐसा कहना है। उन्होंने सैद्धांतिक रूप से भी इस बात का विरोध किया कि बिना आरक्षण लागू किए नियुक्ति की जा रही है। लेकिन इसके साथ ही राजनीतिक पहलू पर भी उन्होंने सरकार का ध्यान खींचा। भाजपा की एक दूसरी सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी लोक सेवा आयोग की ओर से 45 पदों पर लैटरल एंट्री के लिए निकाली गई...

  • लैटरल एंट्री पर पीछे हटी सरकार

    नई दिल्ली। विपक्ष और सहयोगी पार्टियों के विरोध की वजह से केंद्र सरकार लैटरल एंट्री के जरिए शीर्ष नौकरशाही में निजी कंपनियों के पेशेवरों को नियुक्त करने के मामले में पीछे हट गई है। संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की ओर से 45 पदों के लिए नियुक्ति का विज्ञापन जारी होने के तीन दिन बाद केंद्र सरकार ने इसे वापस करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार के फैसले के बाद यूपीएससी ने लैटरल एंट्री से होने वाली नियुक्ति का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को लैटरल एंट्री के जरिए 45 पदों...

  • केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री पर रोक लगाने के लिए UPSC को लिखा पत्र

    नई दिल्ली। लेटरल एंट्री (Lateral Entry) को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह (Dr Jitendra Singh) ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को पत्र लिखा है। मंत्री ने पत्र में संघ लोक सेवा आयोग से लेटरल एंट्री के आधार पर निकाली गई भर्तियों को वापस लेने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि लेटरल एंट्री के आधार पर निकाली गई भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है, जिसे ध्यान में रखते हुए इसे वापस लिया जाए। पत्र में कहा गया है कि...