Left parties
बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वामपंथी दलों ने अपनी सीटें बढ़ाने के लिए विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल होकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक बार फि र से राजनीतिक दलों द्वारा ‘दोस्तों’ की खोज प्राारंभ हो गई है। इस बीच विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल
वाम दलों और कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन और काले झंडे दिखाए जाने के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज एक दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंचे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसी हाल में कांग्रेस और लेफ्ट के साथ नहीं दिखना चाहती हैं। तभी उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बुलाई बैठक का बहिष्कार किया। उनकी पार्टी के एक जानकार नेता का कहना है कि ममता बनर्जी दो कारणों से कांग्रेस और लेफ्ट नेताओं के साथ नहीं दिखना चाहती हैं।
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, जेएनयू में आंदोलन कर रहे छात्रों के समर्थन में देश के जाने माने शिक्षाविदों की चिट्ठी के बाद अब देश के दो सौ से ज्यादा शिक्षाविदों ने वामपंथी छात्र संगठनों के विरोध में प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों सहित दो सौ से अधिक शिक्षाविदों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर देश में बिगड़ते अकादमिक माहौल के लिए वामपंथी कार्यकर्ताओं के एक छोटे समूह को जिम्मेदार ठहराया है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है- हमारा मानना है कि छात्र राजनीति के नाम पर एक विध्वंसकारी धुर वाम एजेंडा को आगे बढ़ाया जा रहा है। जेएनयू से लेकर जामिया तक, एएमयू से लेकर जादवपुर तक परिसरों में हुई हालिया घटनाएं हमें वामपथी कार्यकर्ताओं के एक छोटे से समूह की शरारत के चलते बदतर होते अकादमिक माहौल के प्रति चौकन्ना करती हैं। बताया जा रहा है कि इस बयान पर दस्तखत करने वालों में हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के कुलपति आरपी तिवारी, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एचसीएस राठौर और सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति शिरीष कुलकर्णी सहित कई जाने माने शिक्षाविद् शामिल हैं। इसे ‘शैक्षणिक संस्थानों में वामपंथी अराजकता के खिलाफ बयान’ शीर्षक दिया गया… Continue reading लेफ्ट छात्र संगठनों के खिलाफ शिक्षाविदों की चिट्ठी
कांग्रेस तथा वाम दलों के साथ ही कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ दिल्ली के जामिया सहित देश
महाराष्ट्र के घटनाक्रम से यह सवाल उठा है कि क्या राजनीतिक अवसरवाद की कोई सीमा रेखा खींचना संभव है? कोई भी पार्टी किस सीमा तक समझौता कर सकती है? कहा जाता है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है पर सवाल है किसी भी संभावना को हकीकत में बदलने के लिए किस हद तक समझौता किया जा सकता है?
चुनावी बाैंड और सार्वजनिक क्षेत्रों में विनिवेश को लेकर कांग्रेस और वामदलों द्वारा चर्चा कराये जाने के लिए दिये गये नोटिस को खारिज किये जाने से नाराज इन दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण गुरूवार को राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो सका और कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी।
राज्यसभा में आज वामदलों और कांग्रेस के सदस्यों के शोर शराबे के कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 13 नवंबर को महागठबंधन में शामिल घटक दलों के साथ ही वामदल भी सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे।
बिहार में विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट पर हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन की एकता दरकने के बाद वामपंथी दलों की एकता भी दरक गई है।