चुनाव 2024 का सत्य
गौर करे, इन पंक्तियों पर! हां, आग्रह है आम चुनाव 2024 के पचहत्तर दिनों में मेरे लिखे कॉलम ‘अपन तो कहेंगे’ और ‘गपशप’ के शीषर्क, और उनके सार-संक्षेप (विस्तार से पूरा पढ़ना हो तो www.nayaindia.comविजिट करें।) की इन लाईनों पर चुनाव नतीजों के संदर्भ में गौर करें- उम्मीद रखें, समय आ रहा!- यों रावण ने भी राम को थका दिया था। वह अजय भाग्य जो पाए हुए था। लेकिन समय के आगे भला अहंकार कितना दीर्घायु होगा? इस सत्य को मैंने बतौर पत्रकार, 12 प्रधानमंत्रियों के आने-जाने के अनुभवों में बारीकी से बूझा है। इसलिए न तो समय पर अविश्वास...