दूरियां मन में हैं
सदन में एक तरफ जय हिंदू राष्ट्र, जय श्रीराम, डॉ. हेडगेवार जिंदाबाद जैसे नारे लगे, तो दूसरी तरफ जय संविधान, जय भीम और यहां तक कि जय फिलस्तीन की आवाजें भी बुलंद की गईं। इससे सदन में दिख सकने वाले नज़ारों का अंदाजा लगा है। संवैधानिक पदों के चुनाव में मुकाबला हो, इसमें कोई अप्रत्याशित या अवांछित बात नहीं है। किसी मंच पर परस्पर टकराने वाली विचारधाराएं मौजूद हों, तो अक्सर ऐसा होता है कि कुछ विचारों की प्रतिनिधि शक्तियां सिर्फ अपनी उपस्थिति या किसी अन्य विचार से असहमति जताने के लिए अपने उम्मीदवार करती हैं। 18वीं लोकसभा में कैसा...