तप, त्याग, सदाचार, प्रदात्री ब्रह्मचारिणी
ब्रह्मचारिणी शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है- ब्रह्म और चारिणी। इसमें ब्रह्म का अर्थ है -तपस्या, एक स्वअस्तित्व वाली आत्मा, पूर्ण वास्तविक व पवित्र ज्ञान, और चारिणी का अर्थ है -आचरण करना, अनुसरण करना, व्यवहार करना। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। देवी ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सहस्त्रों वर्ष तक सिर्फ बेल-पत्र और फिर निर्जल व निराहार रहकर घोर तपस्या की थी। जिसके कारण माता को ब्रह्मचारिणी कहा जाता है। शक्ति पूजन के लिए प्रख्यात नवरात्रि का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी के पूजन के...