प्रियंका तो बहाना था महाराज को ललकारना था…
भोपाल। मध्य प्रदेश की चुनावी राजनीति इन दिनों ग्वालियर -चंबल और विंध्य क्षेत्र के बीच केंद्रित हो रही है। ग्वालियर राजघराने और राघोगढ़ के बीच सम्बन्ध सामान्य कम तनावपूर्ण ज्यादा रहे। लेकिन दोनों घरानों के मुखिया जब तक कांग्रेस में रहे उनके तनावों ने मर्यादा की सीमा को छुआ जरूर मगर उसे पार नही किया। अब ऐसा नही है। हालात बदल गए है। कमलनाथ सरकार में कथित रूप से उपेक्षित और सार्वजनिक रूप से 'सड़क पर उतर जाएं' जैसे वाक्यो से आहत महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ नाथ की सरकार गिरा दी थी। इसके बाद राघोगढ़ के राजा रहे...