moksha

  • ‘डिपार्चर लाउंज’ है मोक्ष!

    जापान ने बुढ़ापे के ‘डिपार्चर लाउंज’ को ‘सूर्योदय’ का नाम दिया है। वहां जिंदगी में पुनर्जिंदगी का मनुष्य अनुभव है। सोचें, लोगों द्वारा फुरसत और बिना किसी चिंता के शगल और शौक की अनुभूतियों में जिंदगी को जीना। बागवानी, कैलीग्राफी, तैराकी, पर्वतारोहण, खेल-कूद, कुकिंग, कम्युनिटी सेवा, लिखना, कविता करना, चित्रकारी, हैंडिक्राफ्ट, पॉटरी या जिस कंपनी से रिटायर हुए उसी में कम घंटों का छोटा काम करके या चैरी गार्डन, चिड़ियाघर में टूरिस्टों को घुमाने या गांव-कस्बे-छोटे शहर में स्कूल-नर्सरी के बच्चों की मदद में रम कर उनके बचपन के बीच का सुख। ध्यान रहे जापान में ऐसी जिंदगी जीते हुए...