सर्वजन पेंशन योजना

Mukul Wasnik

  • काम आई कांग्रेस नेताओं की चिट्ठी

    कांग्रेस पार्टी के 23 नेताओं ने चिट्ठी तो सोनिया और राहुल गांधी पर दबाव बनाने के लिए लिखी थी पर उलटा हो गया। उनकी चिट्ठी सोनिया और राहुल के काम आ गई। असल में गांधी-नेहरू परिवार पिछले कुछ समय से इस बात को लेकर बहुत परेशान था कि पार्टी के भीतर राहुल गांधी के नाम पर वैसा उत्साह नहीं बन पा रहा है, जैसा बनना चाहिए। राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठे तो ज्यादा संख्या में पार्टी के नेता उनके समर्थन में नहीं उतरे। ज्योतिरादित्य सिंधिया या सचिन पायलट के प्रसंग में भी जब राहुल पर हमला हुआ तो गिने-चुने...

  • भाजपा के शामिल होने का भी पहलू!

    हालांकि कांग्रेस के ज्यादा नेता इस पर यकीन नहीं कर रहे हैं पर बिहार कांग्रेस के एक नेता प्रोफेसर केके तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस नेतृत्व को लेकर लिखी गई पार्टी के 23 नेताओं की चिट्ठी के पीछे भाजपा का हाथ है। उन्होंने सार्वजनिक बयान जारी करके कहा है कि जिन नेताओं ने चिट्ठी लिखी है उनका कोई जनाधार नहीं है और ज्यादातर नेता राज्यसभा के जरिए राजनीति करने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से कई नेता भाजपा के संपर्क में हैं और अपने फायदे के लिए उन्होंने भाजपा के इशारे पर कांग्रेस नेतृत्व को कमजोर...

  • चुनाव चाहने वाले खुद चुनाव विरोधी

    कांग्रेस पार्टी के 23 नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कई मांगों के साथ साथ एक मांग यह भी रखी है कि प्रखंड स्तर से लेकर कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों तक के चुनाव कराए जाएं। कांग्रेस के ये नेता संगठन का कायाकल्प करने के लिए सांगठनिक चुनावों को एकमात्र विकल्प के तौर पर पेश कर रहे हैं। पर उसी चिट्ठी में इन्हीं नेताओं ने संगठन के चुनावों का विरोध भी किया है। इसमें कहा गया है कि यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई आदि के राज्यों में हुए चुनावों में पैसे और पावर का खेल हुआ...

  • चिट्ठी लिखने वाले लड़े चुनाव

    कांग्रेस पार्टी के अंदर आर-पार की लड़ाई की तैयारी हो रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी नेता कमर कस रहे हैं और अगर कार्य समिति की बैठक में चिट्ठी के मुद्दे पर और खास कर उसमें उठाए गए संगठन चुनावों की चर्चा होती है तो ये नेता चिट्ठी लिखने वाले तमाम लोगों को चुनाव लड़ने की चुनौती दे सकते हैं। अनौपचारिक रूप से तो चुनौती दी जाने लगी। कहा जा रहा है कि अगर चुनाव होता है तो पार्टी के सारे बड़े नेताओं को भी लड़ना चाहिए। यहां तक कहा जा रहा है कि संसदीय नेता...

  • कांग्रेस नेताओं की चिट्ठी क्या बगावत?

    कांग्रेस पार्टी के 23 नेताओं ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने पार्टी संगठन, संगठन के कामकाज, विचारधारा आदि को लेकर की बातें लिखी हैं। आमतौर पर भारत की राजनीतिक पार्टियों में इस तरह की चिट्ठी लिखने की परंपरा नहीं रही है। ऐसी चिट्ठी लिखने को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन माना जाता है और गंभीर कार्रवाई किए जाने का भी अंदेशा रहता है। इसका कारण यह है कि भारत की पार्टियों में न अभी है और न पहले कभी आंतरिक लोकतंत्र रहा है। पार्टी का नेता सर्वेसर्वा होता है। उसके फैसले पर सवाल...

  • संसदीय बोर्ड बन जाएगा तो क्या होगा?

    कांग्रेस पार्टी के 23 नेताओं ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने पार्टी संगठन, संगठन के कामकाज, विचारधारा आदि को लेकर की बातें लिखी हैं। आमतौर पर भारत की राजनीतिक पार्टियों में इस तरह की चिट्ठी लिखने की परंपरा नहीं रही है। ऐसी चिट्ठी लिखने को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन माना जाता है और गंभीर कार्रवाई किए जाने का भी अंदेशा रहता है। इसका कारण यह है कि भारत की पार्टियों में न अभी है और न पहले कभी आंतरिक लोकतंत्र रहा है। पार्टी का नेता सर्वेसर्वा होता है। उसके फैसले पर सवाल...

  • राहुल के करीबियों से चिढ़े लोगों की चिट्ठी

    कांग्रेस पार्टी के 23 नेताओं ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने पार्टी संगठन, संगठन के कामकाज, विचारधारा आदि को लेकर की बातें लिखी हैं। आमतौर पर भारत की राजनीतिक पार्टियों में इस तरह की चिट्ठी लिखने की परंपरा नहीं रही है। ऐसी चिट्ठी लिखने को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन माना जाता है और गंभीर कार्रवाई किए जाने का भी अंदेशा रहता है। इसका कारण यह है कि भारत की पार्टियों में न अभी है और न पहले कभी आंतरिक लोकतंत्र रहा है। पार्टी का नेता सर्वेसर्वा होता है। उसके फैसले पर सवाल...

  • मुकुल वासनिक मप्र कांग्रेस के प्रभारी नियुक्त

    कांग्रेस पार्टी के 23 नेताओं ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने पार्टी संगठन, संगठन के कामकाज, विचारधारा आदि को लेकर की बातें लिखी हैं। आमतौर पर भारत की राजनीतिक पार्टियों में इस तरह की चिट्ठी लिखने की परंपरा नहीं रही है। ऐसी चिट्ठी लिखने को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन माना जाता है और गंभीर कार्रवाई किए जाने का भी अंदेशा रहता है। इसका कारण यह है कि भारत की पार्टियों में न अभी है और न पहले कभी आंतरिक लोकतंत्र रहा है। पार्टी का नेता सर्वेसर्वा होता है। उसके फैसले पर सवाल...

  • और लोड करें