भाजपा, केसीआर और मुसलमान
मुसलमानों के सवाल पर देश में हर जगह एक खुला संवाद होना चाहिए कि आख़िर भाजपा व संघ की इस विषय पर सही राय क्या है? अभी तक इस मामले में उसका दोहरा स्वरूप ही सामने आया है जिससे उनके कार्यकर्ताओं और शेष समाज में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।..चुनाव के वक्त भाजपा के नेता की भाषा अलग होती है और चुनाव के बाद वह बदल जाती है। मोहन भागवत क्यों कहते हैं, “मुस्लिमों के बिना हिंदुत्व नहीं”, “हम कहेंगे कि मुसलमान नहीं चाहिए तो हिंदुत्व भी नहीं बचेगा”, “हिंदुत्व में मुस्लिम पराये नहीं”? गुजरात के मुख्य मंत्री रहते...