Naraka Chaturdashi

  • यम को दीपदान के बहाने यमी की आलंकारिक कथा

    यम अर्थात यमराज मृत्यु के देवता हैं, जो नरक चतुर्दशी की सायंकाल में दीपदान करने वाले को असमय अकाल मृत्यु कष्ट से बचाते हैं। यद्यपि वैदिक विद्वान वेद में इतिहास का अंश होना नहीं स्वीकारते, तथापि कतिपय विद्वान यम के इस पौराणिक कथा का संबंध वेद में आए यम- यमी संवाद प्रकरण के यम से जोड़ते है। ऋग्वेद के दशम मण्डल का दशम सूक्त यम-यमी सूक्त है। इस सूक्त के मन्त्र कुछ वृद्धि सहित तथा कुछ परिवर्तनपरक अथर्ववेद 18/1/1-16 में भी अंकित हैं। 11 नवंबर - नरक चतुर्दशी अवैध दीपावली से एक दिन पूर्व कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी...