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New year 2022

  • Happy New year 2022 : साल के शुरूआत में जरूर कर लें ये काम, सालभर तक नहीं होगी किसी चीज की कमी…

    नई दिल्ली | Happy New year 2022 : 2022 की शुरुआत आज से हो गई है. दुनिया में हर कहीं अलग अलग तरीके से नए साल की शुरुआत की जाती है. भारत में वास्तु शास्त्र और ज्योतिषशास्त्र का खासा महत्व है इसलिए यहां नए साल की शुरुआत में विशेष ध्यान देने के लिए कहा जाता है. ऐसे में यदि आपको भी ज्योतिष शास्त्र और वास्तव में विश्वास है तो फिर आपको भी साल के पहले दिन यह काम जरूर करनी चाहिए. तो आइए जानते हैं कि साल के पहले दिन वो कौन से काम है जो आपका पूरा साल बना...

  • New Year में खाने के साथ ही इन चीजों की खरीदारी के लिए जान लें ये नए नियम…

    नई दिल्ली | New Year GST Rule : देशभर में लोगों को अब आनलाइन फूड आर्डर करने के आदत पड़ गई है. कई परिवार तो ऐसे हैं जो नए साल में भी कहीं जाने के बजाय घर पर ही परिवार के साथ खा-पीकर इंजाव्य करना चाहते हैं. ऐसे में आपको एक जानकारी होनी जरूरी है कि आज से ऑनलाइन खाना मंगवाना आपको महंगा पड़ सकता है. खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी करने वाली स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों को अब ग्राहकों से पांच प्रतिशत कर जुटाना होगा और उसे सरकार के पास जमा करना होगा. ऐसे फूड वेंडर जो...

  • वैष्णो देवी के बाद हरियाणा से आई बुरी खबर, भूस्खलन में 15 से 20 लोगों के मारे जाने की सूचना…

    भिवानी | Hariyana Bhiwani landslide : 2022 के पहले दिन की शुरुआत हंगामों और बुरी खबरों से हुई. पहले तो सुबह-सुबह वैष्णो देवी दरबार में 12 लोगों की मौत की सूचना मिली. ये मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि हरियाणा से एक बार फिर से भूस्खलन में लोगों के मरने की खबर सामने आ गई. बताया गया है कि हरियाणा के भिवानी में भूस्खलन के कारण वहां से पास हो रही है गाड़ियां पहाड़ के मलबे में दब गई. जानकारी के अनुसार इस मलबे में 15 से ज्यादा गाड़ियां फंसी है और अब तक 1 शव को बाहर...

  • प्रजा के अभिषेक की प्रतीक्षा में

    ‘‘सच्ची बोलूं? ‘अच्छे दिन’ से धाप गया हूं, बुरी तरह से हांफ गया हूं, पहले थोड़ा सुस्ता तो लूं, फिर सोचूंगा, क्या मैं बोलूं- ‘साल मुबारक’? वरना सब को उन का पहले जैसा हाल मुबारक!’’ आप इसे मेरा कविता-उपक्रम कह लीजिए या मुझे घनघोर विषाद में डूबा बता दीजिए। आप मुझे ख़ुद की तरह हर हाल में आशावादी न होने के लिए कोस लीजिए या मेरे गुलमोहर की डालियों पर सूख कर झर गए फूलों के लिए मेरे ख़िलाफ़ निंदा-प्रस्ताव पारित कर  दीजिए। लेकिन सिर्फ़ इसलिए कि आधी रात को जब घड़ी की दोनों सुइयों ने आलिंगन किया और 2022...

  • जैसा इक्कीस वैसा ही बाईस क्योंकि….

    सन् 2021 का गुजरा सफर और सन् 2022 अब! सवाल है मौजूदा महाकाल में वर्ष का फर्क बूझना क्या ठीक? महामारी-महाबरबादी की महादशा में भारत जैसा 2019 में वैसा 2020 और वैसा ही 2021 में! तभी नया 2022 भी उसी का हिस्सा होगा तो 2023 भी। भारत उत्तरोत्तर बीमार, गरीब और घायल होते जाना है। दो वजह। एक पूरी दुनिया खुद महाकाल की महादशा में फंसी है। दूसरे इस महादशा के वक्त में भारत ले दे कर जादू-टोनों और लालबुझक्कड़ों के भरोसे है। सो, पहला तथ्य पृथ्वी का आपदाओं-विपदाओं में फंसे रहने का है। पृथ्वी का मौजूदा वक्त इक्कीसवीं सदी...

  • नया साल निरंतरता वाला ही

    सन् 2021 का गुजरा सफर और सन् 2022 अब! सवाल है मौजूदा महाकाल में वर्ष का फर्क बूझना क्या ठीक? महामारी-महाबरबादी की महादशा में भारत जैसा 2019 में वैसा 2020 और वैसा ही 2021 में! तभी नया 2022 भी उसी का हिस्सा होगा तो 2023 भी। भारत उत्तरोत्तर बीमार, गरीब और घायल होते जाना है। दो वजह। एक पूरी दुनिया खुद महाकाल की महादशा में फंसी है। दूसरे इस महादशा के वक्त में भारत ले दे कर जादू-टोनों और लालबुझक्कड़ों के भरोसे है। सो, पहला तथ्य पृथ्वी का आपदाओं-विपदाओं में फंसे रहने का है। पृथ्वी का मौजूदा वक्त इक्कीसवीं सदी...

  • New Year 2022 : देवदास का भी ‘हैंगओवर’ हो जाए खत्म… तो आपने तो पी ही कितनी होगी…

    सन् 2021 का गुजरा सफर और सन् 2022 अब! सवाल है मौजूदा महाकाल में वर्ष का फर्क बूझना क्या ठीक? महामारी-महाबरबादी की महादशा में भारत जैसा 2019 में वैसा 2020 और वैसा ही 2021 में! तभी नया 2022 भी उसी का हिस्सा होगा तो 2023 भी। भारत उत्तरोत्तर बीमार, गरीब और घायल होते जाना है। दो वजह। एक पूरी दुनिया खुद महाकाल की महादशा में फंसी है। दूसरे इस महादशा के वक्त में भारत ले दे कर जादू-टोनों और लालबुझक्कड़ों के भरोसे है। सो, पहला तथ्य पृथ्वी का आपदाओं-विपदाओं में फंसे रहने का है। पृथ्वी का मौजूदा वक्त इक्कीसवीं सदी...

  • कोरोना से जंग के बीच दुनिया के कई देशों में नए साल 2022 की शुरूआत, न्यूजीलैंड में धमाकेदार आतिशबाजी से स्वागत

    सन् 2021 का गुजरा सफर और सन् 2022 अब! सवाल है मौजूदा महाकाल में वर्ष का फर्क बूझना क्या ठीक? महामारी-महाबरबादी की महादशा में भारत जैसा 2019 में वैसा 2020 और वैसा ही 2021 में! तभी नया 2022 भी उसी का हिस्सा होगा तो 2023 भी। भारत उत्तरोत्तर बीमार, गरीब और घायल होते जाना है। दो वजह। एक पूरी दुनिया खुद महाकाल की महादशा में फंसी है। दूसरे इस महादशा के वक्त में भारत ले दे कर जादू-टोनों और लालबुझक्कड़ों के भरोसे है। सो, पहला तथ्य पृथ्वी का आपदाओं-विपदाओं में फंसे रहने का है। पृथ्वी का मौजूदा वक्त इक्कीसवीं सदी...

  • उम्मीद, विस्फोट, और गुजरा 2021..

    सन् 2021 का गुजरा सफर और सन् 2022 अब! सवाल है मौजूदा महाकाल में वर्ष का फर्क बूझना क्या ठीक? महामारी-महाबरबादी की महादशा में भारत जैसा 2019 में वैसा 2020 और वैसा ही 2021 में! तभी नया 2022 भी उसी का हिस्सा होगा तो 2023 भी। भारत उत्तरोत्तर बीमार, गरीब और घायल होते जाना है। दो वजह। एक पूरी दुनिया खुद महाकाल की महादशा में फंसी है। दूसरे इस महादशा के वक्त में भारत ले दे कर जादू-टोनों और लालबुझक्कड़ों के भरोसे है। सो, पहला तथ्य पृथ्वी का आपदाओं-विपदाओं में फंसे रहने का है। पृथ्वी का मौजूदा वक्त इक्कीसवीं सदी...

  • Salman Khan Marriage : 2022 में होगी सलमान की शादी ?? चाचा ने कहा-पठान का बच्चा हमेशा जवान…

    सन् 2021 का गुजरा सफर और सन् 2022 अब! सवाल है मौजूदा महाकाल में वर्ष का फर्क बूझना क्या ठीक? महामारी-महाबरबादी की महादशा में भारत जैसा 2019 में वैसा 2020 और वैसा ही 2021 में! तभी नया 2022 भी उसी का हिस्सा होगा तो 2023 भी। भारत उत्तरोत्तर बीमार, गरीब और घायल होते जाना है। दो वजह। एक पूरी दुनिया खुद महाकाल की महादशा में फंसी है। दूसरे इस महादशा के वक्त में भारत ले दे कर जादू-टोनों और लालबुझक्कड़ों के भरोसे है। सो, पहला तथ्य पृथ्वी का आपदाओं-विपदाओं में फंसे रहने का है। पृथ्वी का मौजूदा वक्त इक्कीसवीं सदी...

  • नववर्ष को विरासत में बीमारी-नफरत-अविश्वास ही मिलेगा !

    सन् 2021 का गुजरा सफर और सन् 2022 अब! सवाल है मौजूदा महाकाल में वर्ष का फर्क बूझना क्या ठीक? महामारी-महाबरबादी की महादशा में भारत जैसा 2019 में वैसा 2020 और वैसा ही 2021 में! तभी नया 2022 भी उसी का हिस्सा होगा तो 2023 भी। भारत उत्तरोत्तर बीमार, गरीब और घायल होते जाना है। दो वजह। एक पूरी दुनिया खुद महाकाल की महादशा में फंसी है। दूसरे इस महादशा के वक्त में भारत ले दे कर जादू-टोनों और लालबुझक्कड़ों के भरोसे है। सो, पहला तथ्य पृथ्वी का आपदाओं-विपदाओं में फंसे रहने का है। पृथ्वी का मौजूदा वक्त इक्कीसवीं सदी...

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